युवाओं के लिए कार्यक्रम

परिचय

सिर्फ़ अकादमिक शिक्षा ही लोगों को सुखी नहीं बनाती। यह ‘आदर्श जीवन’ शिक्षा है — कैसे एक सामंजस्यपूर्ण, नैतिक जीवन, मज़बूत इच्छा शक्ति और आध्यात्मिक समझ विकसित करना है — जो प्रसन्नता लाएगी।

श्री श्री परमहंस योगानन्द

परमहंस योगानन्द युवाओं के कल्याण के लिए अत्यधिक चिंतित थे और उनके सर्वांगीण विकास में जीवन पर्यंत रुचि लेते रहे। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए, योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस) युवाओं को ध्यान और उचित क्रियाकलापों के संतुलित जीवन जीने का तरीका सिखाने वाले अनेक प्रकार आदर्श जीवन कार्यक्रम आयोजित करता है।

योगी कथामृत में योगानन्दजी टैगोर को उद्धृत करते हुए कहते हैं : “सच्ची शिक्षा को बाह्य साधनों द्वारा भरा या ठूँसा नहीं जा सकता, बल्कि सच्ची शिक्षा तो वह है जो भीतर में निहित अनंत ज्ञान भंडार को ऊपर ला सके।”

इस दर्शन के आधार पर, वाईएसएस युवा कार्यक्रम एक शिक्षाप्रद और रोचक वातावरण निर्मित करते हैं जहां युवा स्वयं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकते हैं, अपनी जन्मजात प्रतिभा और आत्मिक गुणों को सामने ला सकते हैं, और साथ ही नए जीवन कौशल सीख सकते हैं।

दो प्रारूपों में दो आयु समूहों तक पहुँच

वाईएसएस युवा कार्यक्रम विभाग दो आयु समूहों को ध्यान में रखकर समन्वय करता है :

  1. बच्चों का सत्संग (आयु 8–12 वर्ष)
  2. किशोर कार्यक्रम (आयु 13–17 वर्ष) और

इन दोनों समूहों के लिए कार्यक्रम दो प्रारूपों में आयोजित किए जाते हैं — व्यक्तिगत और ऑनलाइन।

वर्तमान में चल रहे व्यक्तिगत कार्यक्रमों में हमारे वाईएसएस आश्रमों और केन्द्रों में हर रविवार को आयोजित बाल सत्संग और नोएडा आश्रम एवं चेन्नई रिट्रीट केन्द्र में मई-जून में आयोजित किए जाने वाले ग्रीष्मकालीन शिविर शामिल हैं।

हमारे ऑनलाइन कार्यक्रमों में बच्चों के सत्संग और किशोर कार्यक्रम शामिल हैं, जो जल्द ही शुरू किए जाएँगे। इसके अतिरिक्त, प्रतिवर्ष एक सप्ताह का ऑनलाइन ग्रीष्मकालीन युवा कार्यक्रम (एसआरएफ़ के सहयोग से) आयोजित किया जाता है। यह बच्चों और किशोरों को एक ठोस आध्यात्मिक और नैतिक आधार प्रदान करता है जिस पर वे आजीवन अपने जीवन का निर्माण कर सकते हैं। एसआरएफ़ [वाईएसएस] के 2023 ऑनलाइन ग्रीष्मकालीन युवा कार्यक्रम में 21 देशों के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया था! अन्य कार्यक्रम विकसित किए जा रहे हैं।

कार्यक्रमों के लाभ

पिछले अनेक वर्षों से बच्चे और किशोर हमें लिख रहे हैं कि वे किस प्रकार इन युवा कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए हैं। इसके कुछ लाभ इस प्रकार हैं :

  • ईश्वर प्राप्ति के लिए ध्यान योग की प्रविधियाँ सीखना
  • नए, आजीवन आध्यात्मिक मित्र बनाना
  • अधिक अच्छी तरह से एकाग्र करने की योग्यता
  • भय एवं व्यग्रता का साहस और शान्ति के साथ सामना करने की योग्यता
  • शक्ति-संचार व्यायाम, आसन, और प्राणायाम के द्वारा उत्तम स्वास्थ्य
  • परीक्षाओं में अधिक अच्छा प्रदर्शन करने की योग्यता

स्व-अनुभव

एन.बी. एक 17 वर्षीय युवा ने लिखा : “जब मैं दस वर्ष का था, तब मैंने युवा शिविर में एकाग्रता की हं-सः प्रविधि सीखी थी। 15 वर्ष की आयु तक मैंने ध्यान के साथ वास्तव में प्रयोग करना शुरू नहीं किया था। जब भी हमें परीक्षा के परिणाम मिलते, मैं उनका विश्लेषण करता और पाता कि अगर मैं अधिक ध्यान केन्द्रित करता, तो मैंने जो गलतियाँ कीं, उनमें से अनेक को आसानी से टाला जा सकता था। उस वर्ष की अंतिम परीक्षा निकट आ रही थी। मेरा ग्रेड 88% पर डगमगा रहा था और मैं कैलकुलस क्लास में पूर्ण स्कोर चाहता था।

“मेरी अंतिम परीक्षा से एक रात पहले, मैंने तब तक गहन ध्यान किया जब तक मुझे हं-सः की शांति महसूस नहीं हुई। अगले दिन जब मैं परीक्षा हॉल में गया, तो मैं शांत और संयमित था। जब हमें परिणाम मिले, तो मैं खुशी से चिल्ला उठा। मैं पूरी कक्षा में 100% अंक पाने वाला एकमात्र छात्र था। तब मुझे अहसास हुआ कि अवधारणाओं और सूत्रों को तो सभी जानते हैं। बस तनाव के समय, जैसे कि परीक्षा के दौरान, उन्हें पुनः स्मृति में लाना कठिन है। ध्यान ने मुझे शांत रहने और एकाग्र करने में मदद की, और यही बात मुझे स्कूल में वास्तव में मददगार साबित हुई।”

बाल सत्संग

बच्चों की सही शिक्षा का आदर्श मुझे सदा ही प्रिय रहा था।…नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों, जिन्हें समझे बिना कोई मनुष्य सुख के पास फटक भी नहीं सकता, का प्रचलित पाठ्यक्रम में अभी भी अभाव था।

श्री श्री परमहंस योगानन्द

दक्षिणेश्वर
राँची

महान् गुरु ने अपना कार्य 1917 में बंगाल के एक ग्रामीण इलाके में सात बच्चों के साथ एक छोटे से स्कूल की स्थापना के साथ शुरू किया था। बाद में, उनके मार्गदर्शन में अमेरिका में एसआरएफ़ मन्दिरों और केन्द्रों में पहले संडे स्कूल बनाए गए। आज, वाईएसएस युवा सेवा विभाग द्वारा युवाओं के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

वाईएसएस/एसआरएफ़ के विश्वव्यापी आध्यात्मिक परिवार के निरंतर विकास के साथ, वाईएसएस केन्द्रों और मंडलियों द्वारा आयोजित बाल सत्संग कार्यक्रमों में रुचि बढ़ रही है।

साप्ताहिक बाल सत्संग का उद्देश्य बच्चों को अन्य आध्यात्मिक बच्चों की संगति में शिक्षण के एक आनंददायक वातावरण में निरंतर प्रेरणा प्रदान करना है जो एक-दूसरे से सीखना संभव बनाता है। इन कक्षाओं की रूप-रेखा इस प्रकार तैयार की गई है जो उन्हें ईश्वर के साथ एक प्रेमपूर्ण व्यक्तिगत संबंध विकसित करने के लिए प्रेरित करती हैं और यह दिखाती हैं कि कैसे सही व्यवहार एक खुशहाल, संतुलित जीवन की ओर ले जाता है। चैन्टिंग और ध्यान मन में सचेत एकाग्रता को विकसित करते हैं तथा स्मरणशक्ति में सुधार करते हैं और गुरुजी के लेखों से ली गईं कहानियाँ उनकी आध्यात्मिक और भावनात्मक प्रज्ञता में सुधार करती हैं, जबकि सामूहिक गतिविधियाँ टीम भावना, सहयोग और सामंजस्यपूर्ण संचार कौशल को प्रोत्साहित करती हैं।

रचनात्मकता, दृढ़ता, पहल और धैर्य जैसे अच्छे चारित्रिक गुणों को सिखाने के लिए प्राय: खेल या शिल्प शामिल किए जाते हैं। बच्चों को शक्ति-संचार व्यायाम और ध्यान में उनकी आयु के अनुसार उचित निर्देश दिए जाते हैं। इन सबका उद्देश्य नियमित विद्यालय प्रकार के वातावरण से बचना है जहाँ बहुत सारी जानकारी याद करने का दबाव होता है, और वाईएसएस शिक्षाओं को एक सहज और आकर्षक रूप से प्रस्तुत करना है — बच्चों के सत्संग को एक सुखद अनुभव बनाना जिसे बच्चे बारंबार चाहें।

अभिभावकों एवं शिक्षकों की भूमिका

परमहंस योगानन्दजी ने कहा है : “आत्म-केन्द्रितता की सीमाओं से परे प्रेम का विस्तार परिवार से शुरू होता है — माता-पिता की भूमिका स्वयं से बाहर निकलने का प्रारंभिक सहज परिचय प्रदान करती है।”

इससे पता चलता है कि माता-पिता की अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका नवोदित आध्यात्मिक जीवन, यदि प्रोत्साहित किया जाए तो, सफल और सुखी जीवन का आधार बन सकता है।

शिक्षकों की भूमिका के बारे में श्री दया माता ने कहा है, “हमारे संडे स्कूल [बाल सत्संग] के शिक्षकों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि वे दुनिया को बदलने में मदद कर सकते हैं। आज के बच्चों को अपने जीवन में ईश्वर को सबसे पहले रखना सिखाकर, योगदा बाल सत्संग के शिक्षक भविष्य के लिए एक नवीन और बेहतर दुनिया बनाने में मदद करेंगे।”

गुरुजी के शिष्यों की अगली पीढ़ी तैयार करने के लिए वाईएसएस युवा सेवा को माता-पिता और शिक्षकों के साथ-साथ प्रशासनिक कर्मचारियों के वालंटियरों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। जो लोग अपने स्थानीय केन्द्र या मंडली में बाल सत्संग शुरू करना चाहते हैं, और जो बच्चों के वर्त्तमान कार्यक्रमों में शिक्षक और सेवक के रूप में सेवा करना चाहते हैं, वे cs@yssi.org पर संपर्क कर सकते हैं।

ग्रीष्मकालीन शिविर

नोएडा बालिकाओं के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर

परमहंस योगानन्द के सरल, स्वस्थ जीवन के आदर्श को प्रेरणा बनाते हुए, नोएडा के योगदा सत्संग शाखा आश्रम में मई के माह में बालिकाओं के लिए एक वार्षिक शिविर आयोजित किया जाता है। शिविर का उद्देश्य युवा प्रतिभागियों के बीच शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देते हुए एक समग्र प्रशिक्षण वातावरण प्रदान करने के साथ ही आध्यात्मिक संगति की भावना को बढ़ावा देना है।

सामूहिक ध्यान से पहले प्रार्थना में मग्न बालिकाएँ
पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एक हस्तकौशल कार्यशाला में कार्यरत किशोरों का एक समूह

शिविर की मुख्य बातें

  • दैनिक सामूहिक ध्यान
  • चैन्टिंग की कक्षाएँ
  • प्राथमिक उपचार, आपात् स्थितियों को संभालना, और बिना अग्नि के खाना बनाना जैसा व्यावहारिक ज्ञान
  • ताईक्वान्डो कक्षाएँ और खेलकूद जैसी शारीरिक गतिविधियाँ
  • हस्तकौशल कार्यशालाएँ
  • समय प्रबंधन
  • इमेल शिष्टाचार एवं ऑनलाइन सुरक्षा
2023 के नोएडा गर्ल्स कैंप में भक्त वालंटियर और बालिकाएँ
चैन्टिंग कक्षा

आदर्श-जीवन कक्षाएँ

अनुभवी शिक्षकों द्वारा एकाग्रता, चरित्र विकास, इच्छा-शक्ति, आत्म-निरीक्षण और सफलता के नियम जैसे विषयों पर व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने वाली “आदर्श जीवन” कक्षाओं की एक श्रृंखला संचालित की जाती है। शिविर की दिनचर्या में दिन में तीन ध्यान सत्रों के साथ-साथ शक्ति-संचार व्यायाम और योग आसनों के अभ्यास भी शामिल हैं।

ऑडियो-वीडियो एवं जीवंत प्रस्तुतियाँ

संध्याकालीन अनेक कार्यक्रम प्रतिभागियों को आध्यात्मिक उत्साह पैदा करने तथा उनके आध्यात्मिक ज्ञान और समझ को गहरा करने में सहायक होते हैं। इनमें गुरुजी पर वीडियो शो, भारतीय सन्तों पर प्रस्तुतियाँ और भजन एवं चैन्टिंग-सत्र शामिल हैं।

इस पाँच दिवसीय शिविर का समापन सामान्यतः एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ होता है।

उचित जीवन-यापन की कला सीखें। यदि आपके पास आनंद है तो आपके पास सब कुछ है।

श्री श्री परमहंस योगानन्द

नोएडा आश्रम में बालकों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर

बालकों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर आनंदमय, सही जीवन जीने के आदर्श पर केन्द्रित होता है। यह प्रति वर्ष जून में नोएडा के योगदा सत्संग शाखा आश्रम में आयोजित होने वाला पाँच दिवसीय शिविर है। यह कार्यक्रम शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरों पर बालकों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देता है।

स्वामी आलोकानन्द बालकों के लिए अनुकूलन कक्षा में
खेलकूद बच्चों में मिलकर काम करने और बंधुत्व की भावना का विकास करते हैं।

अनुकूलन

कार्यक्रम की शुरुआत पहले दिन एक अनुकूलन कक्षा से होती है, जिसका संचालन एक वाईएसएस संन्यासी द्वारा किया जाता है। इसमें शिविर के दौरान आचरण के कुछ सिद्धांत बताए जाते हैं — “क्या करें और क्या न करें” — ताकि प्रतिभागियों को सुरक्षित और खुशहाल वातावरण में शिविर से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद मिल सके।

कार्यशालाएँ और आदर्श-जीवन कक्षाएँ

शिविर के कार्यक्रम में युवा प्रतिभागियों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाओं के साथ-साथ खेलकूद भी शामिल हैं। शिल्प, वैदिक गणित, ईमेल शिष्टाचार, समय प्रबंधन, संगीत की मूल बातें, सार्वजनिक भाषण, और पर्यावरण जागरूकता जैसे अनेक विषयों पर कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं। प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन प्रबंधन पर भी कक्षाएँ आयोजित की जाती हैं। खेलकूद के समय, बच्चे फुटबॉल, हैंडबॉल, डॉग-एंड-द-बोन और कबड्डी जैसे अनेक खेल खेलते हैं। ‘सफलता का नियम’ और ‘स्वास्थ्य और स्वच्छता’ जैसे व्यक्तिगत विकास के विषयों पर भी प्रकाश डाला जाता है।

प्रतिदिन सुबह होने वाले योग आसनों के लिए बच्चे प्रातः जल्दी ही उठ जाते हैं।
नोएडा बालक शिविर 2023 में संन्यासी, भक्त सेवक और बच्चे

आध्यात्मिक निर्देश

शिविर की गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य बालकों में आध्यात्मिक प्रगति को बढ़ावा देना है। योग आसनों के बाद शक्ति-संचार व्यायामों का सामूहिक अभ्यास और ध्यान किया जाता है, जो संन्यासियों तथा शिष्य सेवकों द्वारा संचालित किया जाता है। संन्यासियों द्वारा वाईएसएस शिक्षाओं और भारतीय आध्यात्मिक साहित्य से कहानियाँ सुनाने के विशेष सत्र होते हैं। वरिष्ठ संन्यासियों द्वारा बालकों को ईश्वर और गुरुओं के साथ व्यक्तिगत संबंध विकसित करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विशेष कक्षाएँ संचालित की जाती हैं।

समापन कार्यक्रम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। इसमें प्रतिभागी शिविर के दौरान अपने अनूठे अनुभव साझा करते हैं। अभिभावकों को स्लाइड शो प्रस्तुति के माध्यम से शिविर की गतिविधियों की झलक देखने और किसी संन्यासी का प्रेरक सत्संग सुनने का अवसर मिलता है।

चेन्नई रिट्रीट में बालकों एवं बालिकाओं के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर

इसी प्रकार का एक शिविर मई एवं जून के महीनो में श्रीपेरुम्बदुर स्थित वाईएसएस चेन्नई रिट्रीट में भी आयोजित किया जाता है।

किशोरों के लिए कार्यक्रम

ऑनलाइन साप्ताहिक किशोर बैठकें

ऑनलाइन बाल सत्संग और कुछ केन्द्रों में प्रारंभिक मार्गदर्शी कार्यक्रमों के संचालन के अनुभव के आधार पर, वाईएसएस 2024 में एक ऑनलाइन किशोर कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है।

कृपया अधिक जानकारी के लिए teenservices@yssi.org पर ईमेल करके वाईएसएस युवा सेवाओं से संपर्क करें, या अपनी रुचि दर्ज करने के लिए नीचे दिया गया फॉर्म भरें।

वाईएसएस युवा सेवा विभाग में सेवा के अवसरों और इसके बारे में सामान्य प्रश्नों के लिए, कृपया youthservices@yssi.org पर संपर्क करें।

ऑनलाइन एसआरएफ़ कार्यक्रम

अमेरिका में स्थित सेल्फ-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप का युवा सेवा विभाग दशकों से एसआरएफ़ मन्दिरों और केन्द्रों में “आदर्श-जीवन” (सन्डे स्कूल) कक्षाएँ आयोजित कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, एसआरएफ़ युवा सेवा ने विश्वव्यापी स्तर पर बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएँ आयोजित करना प्रारम्भ कर दिया है। भारत के बच्चे इन कक्षाओं के लिए अपने लिए सुविधाजनक समय के अनुसार अपना नामांकन करा सकते हैं।

बच्चों एवं किशोरों के लिए वर्त्तमान में उपलब्ध सभी कार्यक्रमों को देखने तथा उनके लिए नामांकन करवाने के लिए कृपया SRF Youth Services events page देखें।

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