परमहंस योगानन्दजी द्वारा स्थापित, योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस), जोकि एक गैर लाभकारी, आध्यात्मिक एवं धर्मार्थ संस्था है, में आप सभी का स्वागत है। आध्यात्मिक उपलब्धियों की आपकी खोज में आपकी सेवा करने में हमें आनन्द की अनुभूति होगी।
यदि आप परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं के लिए नए हैं, तो आपको आरंभ करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं :
क्या योग तथा इसकी धारणा आपके लिये बिलकुल नई हैं? वे जो योग की धारणा तथा इसकी पारिभाषिक शब्दावली से अपरिचित हैं, वे इसमें प्रयुक्त शब्दों की संक्षिप्त व्याख्या को हमारी वेबसाईट में दी गयी ऑनलाईन शब्दावली में देख कर लाभान्वित हो सकते हैं।
ध्यान करना सीखें
योगदा सत्संग पाठमाला एक सर्वसमावेशी, घर पर ही रहकर अध्ययन एवं अभ्यास करने योग्य पाठों की श्रृंखला है, जिसमें योगानन्दजी द्वारा क्रियायोग की वैज्ञानिक ध्यान प्रविधियों पर विस्तृत निर्देशों के अतिरिक्त — एक सन्तुलित आध्यात्मिक जीवन जीने की कला पर उनका गहनतम मार्गदर्शन भी सम्मिलित है।
प्रारम्भिक ध्यान निर्देश
यदि आप अभी से ही ध्यान प्रारम्भ करना चाहते हैं, तो कृपया हमारे पृष्ठ ध्यान करना सीखें पर जाएं, जहाँ कुछ चुनिंदा प्रस्तुतियाँ दी गयीं हैं।
योगदा सत्संग सोसाइटी के आश्रमों, रिट्रीट या केन्द्रों पर जाएं
पूरे देश में, योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के 200 से अधिक आश्रम, रिट्रीट तथा ध्यान केन्द्र हैं — जोकि सभी अभिरुचि रखने वाले जिज्ञासुओं को सामूहिक ध्यान के सामर्थ्य का अनुभव कराने हेतु एकत्रित होने का, एकाग्रचित्त रिट्रीट कार्यक्रमों का, प्रेरणात्मक सत्संगों का तथा आध्यात्मिक साहचर्य का सुअवसर प्रदान करते हैं। इनमें निम्नलिखित कार्यक्रम सम्मिलित हैं :
- परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं पर सत्संग
- आश्रम संन्यासियों द्वारा व्यक्तिगत मार्गदर्शन
- सामूहिक ध्यान
- भक्तिपूर्ण चैंटिंग (कीर्तन)
- परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं से पाठन एवं ध्यान-सत्र (हमारे केन्द्रों तथा ध्यान समूहों पर)
- बच्चों के लिए रविवारीय सत्संग
- विशेष उत्सव एवं कार्यक्रम
योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के शरद संगम
प्रत्येक वर्ष हम आध्यात्मिक पुनरुत्थान के साहचर्य तथा परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं के गहन अध्ययन हेतु एक सप्ताह के इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं, जिसके मुख्य आकर्षण हैं:
- परमहंस योगानन्दजी की 'आदर्श जीवन' शिक्षाओं पर संध्या क़ालीन सत्संग
- योगदा ध्यान प्रविधियों का पुनरवलोकन (जो कि योगदा पाठमाला सदस्यों के लिए ही होता है)
- सामूहिक ध्यान
- सत्संग (प्रश्नोत्तर सत्र)
- कीर्तन (भारतीय वाद्य यंत्रों के साथ भक्तिपूर्ण चैंटिंग)
- परमहंस योगानन्दजी के दुर्लभ चलचित्रों का प्रदर्शन
- पूरे देश भर से आए हज़ारों योगदा सदस्यों तथा आश्रम संन्यासियों के साथ साहचर्य
रिट्रीट
रिट्रीट, पूरे वर्ष भर (संगम के दिनों को छोड़ कर) वाईएसएस सदस्यों एवं मित्रों के लिए जो कि अपने आध्यात्मिक उत्थान हेतु कुछ समय के लिए यहाँ आना चाहते है, खुली रहती है। पूरे वर्ष भर, समय समय पर, परमहंस योगनन्दजी की शिक्षाओं पर आधारित तथा वाईएसएस के संन्यासियों द्वारा निर्देशित रिट्रीट का भी आयोजन किया जाता है। हालाँकि, इन रिट्रीट को उन भक्तों के लिए तैयार किया जाता है, जो कि गुरुजी की शिक्षाओं से परिचित हैं, फिर भी कोई भी व्यक्ति जो इनमें रुचि रखता हो, रिसेप्शन से सम्पर्क कर पूछताछ कर सकता है।
परमहंस योगानन्दजी के शब्दों में योगदा रिट्रीट, “मौन का एक डायनमो है जहाँ (आप) अनन्त द्वारा पुनः तरोताज़ा होने के एकमात्र उद्देश्य के लिए आते हैं।” हमारे रिट्रीट कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण हैं :
- ध्यान, आध्यात्मिक अध्ययन तथा आत्म-निरीक्षण के लिए मौन तथा शांति का वातावरण
- हमारे ध्यान संन्यासीगण के साथ व्यक्तिगत भेंट का सुअवसर
- ऐसे स्थल जहाँ प्रकृति की सुन्दरता तथा दिव्यता का विशेष महत्त्व हो
- योगदा ध्यान प्रविधियों का पुनरवलोकन
- संतुलित आध्यात्मिक जीवन शैली पर अनौपचारिक कक्षाएं
- स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन
उपयुक्त पुस्तकें
परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं के बारे में आपके अन्वेषण हेतु हम आपको निम्नलिखित पुस्तकों को पढ़ने का सुझाव देंगे।
योगी कथामृत – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
यह सर्वोत्तम बिकने वाला आध्यात्मिक गौरव ग्रंथ, योगानन्दजी की जीवनी तथा शिक्षाओं की उत्कृष्ट प्रस्तावना प्रस्तुत करता है। एक मोहक तथा मनोरंजक कथा होने के साथ-साथ यह जीवन के उद्देश्य, योग, उच्चतर चेतना, धर्म, परमेश्वर तथा दैनिक जीवन की आध्यात्मिक चुनौतियों के बारे में अनेक प्रश्नों का उतर भी देती है। यह पुस्तक सभी धर्मों के अनुयायिओं के लिए उपयुक्त है, जो भी यह जानना चाहे कि आखिर जीवन है क्या?
जहाँ है प्रकाश – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
परमहंस योगानन्दजी के व्याख्यानों तथा लेखों से संकलित यह आध्यात्मिक पुस्तिका, सामान्य व्यक्ति की रुचि के अनेकों विषयों पर संक्षिप्त मार्गदर्शन एवं आध्यात्मिक परिपेक्ष को प्रस्तुत करती है, जैसे : मानवीय सम्बन्धों में निपुणता लाना, असफलताओं को सफलता में परिवर्तित करना, परमेश्वर के साथ व्यक्तिगत सम्बन्ध स्थापित करना, मृत्यु को समझना, तनाव, चिंता तथा भय से मुक्त होना, प्रार्थनाओं को प्रभावशाली बनाना; तथा जीवन में निर्णय लेने हेतु विवेक तथा सामर्थ्य को अर्जित करना।
परमहंस योगानन्दजी के संकलित प्रवचनों एवं आलेखों से तीन पुस्तकें
मानव की निरन्तर खोज – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
परमहंसजी के संकलित प्रवचन एवं आलेखों का यह पहला खण्ड, ध्यान, मृत्यु के पश्चात् हम कहाँ जाते हैं, सृष्टि का वास्तविक स्वरूप, स्वास्थ्य तथा रोग मुक्ति तथा मानव मन की असीम शक्ति जैसे अल्प चर्चित तथा गूढ़ तथ्यों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
दिव्य प्रेम लीला – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
परमहंसजी के संकलित प्रवचन एवं आलेखों का दूसरा खण्ड यह दर्शाता है कि कैसे हम अपनी दिव्य प्रकृति को जागृत कर अपने शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा आध्यात्मिक व्यक्तित्व के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकते है। वे हमारे घनिष्टतम सम्बन्धों के गहन पराभौतिक मूल कारणों को प्रकट करते हैं तथा स्पष्ट करते हैं कि कैसे वह अदृश्य, सार्वभौमिक प्रेम की डोर इन समस्त सम्बन्धों को जोड़ती है तथा हमें उस स्रोत की ओर वापिस खींचती है, जहाँ से समस्त प्रेम आता है। अन्य विषय जो इनमें सम्मिलित है, वे हैं : आदतें, स्मृति, कर्म तथा पुनर्जन्म, योग एवं ध्यान तथा कैसे व्यक्ति स्वयं अपने में, अपने घर में, अपने समाज में तथा विश्व में बेहतर सामंजस्य ला सकता है।
Journey to Self-Realization – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
परमहंसजी के संकलित प्रवचन एवं आलेखों का यह तीसरा खण्ड उन सभी को दिव्य परामर्श देता है जो अपने आपको तथा अपने जीवन के सच्चे उद्देश्य को बेहतर समझने की जिज्ञासा रखते हैं। योगानन्दजी इसमें मानवीय जीवन की असंख्य उलझनों के प्रति एक विशाल एंव विश्वजनीन दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं — वे हमें दिखाते हैं कि कैसे हम विपत्तियों तथा बाधाओं को भी अपने जीवन की रोमांचकारी यात्रा में एक अर्थपूर्ण अंग बना सकते है। अन्य विषय : चिरस्थाई यौवन को कैसे अभिव्यक्त करें, सफलता के स्रोत के साथ समस्वरता स्थापित करना; आध्यात्मिक तथा व्यावसायिक जीवन में संतुलन बनाना; मानसिक व्यग्रता पर कैसे विजय पायें; दूसरों के साथ मिलकर काम करने की कला; तथा दैनिक जीवन में परमेश्वर का बोध करना इत्यादि। (केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध)
परमहंस योगानन्दजी की अन्य पुस्तकें
Inner Peace: How to Be Calmly Active and Actively Calm – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
परमहंस योगानन्दजी के लेखों से चुने गए ये प्रेरणात्मक अंश, आज की सांसारिक परिस्थितियों में व्यक्ति को शान्त, प्रसन्न तथा सम-मानसिकता बनाए रखने में सहायक व्यवहारिक तरीकों का वर्णन करते हैं। पाठकों को चिंता एवं तनाव को प्रसन्नता एवं शान्ति में रूपान्तरित करने में सक्षम बनाते हैं। यह छोटी सी पुस्तिका हमारी आज की भाग-दौड़ की जिंदगी के लिए एक प्रभावकारी प्रतिकारक प्रस्तुत करती है। (केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध)
सफलता का नियम – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
यह छोटी सी, परन्तु प्रभावशाली पुस्तिका, अनेकों प्रमुख विषयों जैसे कि सफलता के स्रोत से कैसे सम्पर्क किया जाएं, योग्य लक्ष्यों को कैसे चुना जाएं, भयों एवं रुकावटों पर कैसे विजय पायी जाएं तथा वे दिव्य नियम कैसे कार्यरत होते हैं जो हमारे जीवन में सफलता लाते हैं, का विस्तार पूर्वक वर्णन करती है। इसमें अन्य विषयों जैसे सृजनात्मकता तथा पहलशक्ति, सकारात्मक सोच, सक्रिय इच्छा शक्ति, आत्म-विश्लेषण, ध्यान की शक्ति इत्यादि का भी समावेश किया गया है।
Metaphysical Meditations – श्री श्री परमहंस योगानन्द द्वारा
इस छोटी सी पुस्तिका में 300 से अधिक ध्यान, प्रार्थनाओं, प्रतिज्ञापन तथा मानसदर्शनों के साथ साथ ध्यान कैसे किया जाएं, विषय पर प्रस्तावनात्मक निर्देश भी दिये गये है। प्रारम्भिक तथा अनुभवी ध्यानकर्त्ता इस छोटी सी पुस्तिका को आत्मा की आन्तरिक स्वतंत्रता तथा शान्ति एवम् असीम आनन्द की जागृति हेतु उपयोगी पायेंगे। (केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध)
यदि आप परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं में अधिक गहराई में जाना चाहते हैं तो कृपया हमारी पुस्तकों एवं रिकॉर्डिंग की सूची को हमारी वेब साईट में YSS Bookstore में देखें।
यदि आप योग की धारणा तथा इसकी पारिभाषिक शब्दावली से अपरिचित हैं, तो आप इसमें प्रयुक्त शब्दों की संक्षिप्त व्याख्या को हमारी वेबसाईट में दी गयी ऑनलाईन शब्दावली में देख कर लाभान्वित हो सकते हैं।