कृपया ध्यान दें : योगदा सत्संग पाठों के नए हिन्दी संस्करण के लिए नामांकन अब आरम्भ हो चुका है। इन पाठों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के लिए यहाँ क्लिक करें।
आप जिसे खोजते आ रहे हैं वह सदैव आपके भीतर विद्यमान रहा है
जीवन के रोज़मर्रा के तनाव और दबाव से परेशान हो जाना और दूसरों और समाज द्वारा हमसे लगाई गई अपेक्षाओं से विचलित होना आसान है। लेकिन परम शांति, सुरक्षा और प्रसन्नता के लिए आपको जो कुछ भी चाहिए वह सब आपके अंदर पहले से ही विद्यमान है।
इस छिपे हुए स्रोत का लाभ उठाने के लिए आपको योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया द्वारा सिखाए गए योग के वैज्ञानिक एवं सार्वभौमिक मार्ग का अनुसरण करते हुए दैनिक ध्यान अभ्यास विकसित करना है।
आप अपने गंभीर प्रश्नों के संतोषप्रद उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, और स्थाई प्रसन्नता विकसित कर सकते हैं।
वास्तविक परिपूर्णता, जीवन के विषय में आपके प्रश्नों के उत्तर तथा स्थायी प्रसन्नता आपकी पहुँच के भीतर है, और जैसे-जैसे आप आध्यात्मिक पथ पर चरण-दर-चरण आगे बढ़ते हैं, आप इसे प्रतिदिन अनुभव कर सकते हैं।
ध्यान ने लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों को छू लिया है। वैज्ञानिक अध्ययनों ने कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभों को साबित किया है, और यह भी बताया है कि कैसे एक दैनिक अभ्यास आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। लेकिन ध्यान के मूल में कुछ कहीं अधिक विशेष है।
ध्यान आपके लिए आनन्द-चेतना का द्वार है।
जब ध्यान का अभ्यास वैज्ञानिक रूप से किया जाता है, तब आप अपने मन, श्वास, और हृदय को शान्त करके ऊर्जा को अपने भीतर ले जा सकते हैं, जहाँ आप परमानन्द के साथ अपनी आत्मा की एकता का अनुभव कर सकते हैं।
यह आत्मानुभूति नश्वर सीमाओं की भावना को समाप्त करके आपको न केवल परम आनन्द प्रदान करेगी, बल्कि उससे भी कहीं अधिक शान्ति, ज्ञान और प्रेम प्रदान करेगी, जिसकी आप कभी कल्पना भी नहीं कर सकते। यह अस्तित्व की वह अवस्था है जिसे योगियों ने प्राचीन काल से ही अनुभव किया है और जो अब हम सभी के लिए उपलब्ध है।
यदि आप उन लोगों में से हैं जो अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को, या जीवन के रहस्य को समझने की सार्वभौमिक मानवीय समस्या को सुलझाने के लिए वास्तव में प्यासे हैं, तो योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (सेल्फ़-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप) की शिक्षाओं का अनुसरण कीजिए — भारत की वैज्ञानिक आध्यात्मिक शिक्षाएँ, जो कि उसके प्रबुद्ध द्रष्टाओं और ऋषियों द्वारा अनादि काल से हस्तांतरित की गई हैं। उनमें आपको अपने उत्तर प्राप्त होंगे।
— परमहंस योगानन्द
वाईएसएस पाठमाला पवित्र ज्ञान का वह प्रसारण है जो आपके जीवन के सभी पहलुओं का उत्थान कर उसे रूपांतरित करता है : एक प्रगतिशील, गृह-अध्ययन कार्यक्रम जो आपको ध्यान की प्रविधियाँ और आध्यात्मिकता का सार सिखाता है, जो योग गुरुओं की सुप्रसिद्ध वंशावली — महावतार बाबाजी, लाहिड़ी महाशय, स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी, और परमहंस योगानन्द के माध्यम से दिया गया है — और आपके लिए उपलब्ध है।
आप आध्यात्मिक मार्ग पर जहाँ तक जाना चाहें, मैं आपका मार्गदर्शन कर सकता हूँ; और यदि आप इन पाठों में दी गईं प्रविधियों का अभ्यास करेंगे तो आप अपनी प्रगति में कभी भी गतिहीनता का अनुभव नहीं करेंगे।
— परमहंस योगानन्द
आप क्रियायोग ध्यान की प्राचीन प्रविधियाँ सीखेंगे
इस पाठमाला की शुरुआत परमहंस योगानन्दजी द्वारा की गई थी। उनकी शिक्षाओं के मूल में ध्यान प्रविधियों की एक शक्तिशाली प्रणाली है : ध्यान का क्रियायोग विज्ञान। आत्मा का यह प्राचीन विज्ञान — जिससे लाखों लोग योगी कथामृत और उनकी अन्य पुस्तकों द्वारा परिचित हुए हैं — उच्च आध्यात्मिक चेतना और दिव्य अनुभूति के आंतरिक आनंद को जागृत करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली विधियाँ प्रदान करता है।
पहले पाठ से ही आपको स्पष्ट विधियाँ प्राप्त होती हैं जिनके द्वारा आप तुरंत ही ध्यान के लाभों का अनुभव कर सकते हैं।
गहन ध्यान के लिए एक ठोस आधार बनाते समय आप क्रियायोग के व्यापक आध्यात्मिक विज्ञान में प्रथम आवश्यक कदम के रूप में परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखाई गई तीन प्रभावशाली प्रविधियाँ सीखेंगे :
परमहंस योगानन्दजी द्वारा विकसित शक्ति संचार व्यायामों की अनूठी श्रृंखला व्यक्ति को ब्रह्मांडीय स्रोत से सचेत रूप से शरीर में ऊर्जा खींचने में सक्षम बनाती है। जीवन-ऊर्जा नियंत्रण की यह प्रविधि शरीर की शुद्धि कर उसे प्रबल बनाती है और ध्यान के लिए तैयार करती है, जिससे चेतना को उच्च अवस्था तक पहुँचने के लिए ऊर्जा को अंतर की ओर निर्देशित करना आसान हो जाता है। नियमित अभ्यास से मानसिक एवं शारीरिक शान्ति मिलती है और सक्रिय इच्छा-शक्ति का विकास होता है।
यह प्राचीन और शक्तिशाली प्रविधि मन की एकाग्रता की गुप्त शक्तियों को विकसित करने में सहायता करती है। नियमित अभ्यास के माध्यम से व्यक्ति बाहरी विकर्षणों से विचार और ऊर्जा को पृथक करना सीखता है, ताकि वे किसी लक्ष्य को प्राप्त करने या किसी समस्या का समाधान करने में अपना ध्यान केन्द्रित कर सके। अथवा व्यक्ति सफल अभ्यास से उत्पन्न एकाग्रता की सहायता से अपने भीतर दिव्य चेतना को अनुभव कर सकता है।
जब शिष्य पिछली प्रविधियों के अभ्यास से शरीर को शिथिल करना और मन को एकाग्र करना सीख लेता है, तब यह उच्च ध्यान प्रविधि शरीर और मन की सीमाओं से परे अपनी अनंत क्षमता की आनंदमय अनुभूति के ज्ञान को विस्तारित करती है।
आध्यात्मिक चेतना के सभी सच्चे साधक — धार्मिक संबद्धता का विचार किए बिना — वाईएसएस पाठों की मूल श्रृंखला में उपरोक्त प्रविधियाँ प्राप्त कर सकते हैं। पाठमाला अध्ययन के पहले आठ महीनों के दौरान इन तीन मौलिक प्रविधियों को सीखने और अभ्यास करने के बाद इच्छुक विद्यार्थी क्रियायोग दीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। दीक्षा इस पथ के प्रति गहन वचनबद्धता निश्चित करती है। मौलिक पाठों का अध्ययन और अभ्यास आपको यह तय करने में सहायता करता है कि क्या आप यह वचन पूर्ण कर सकते हैं अथवा नहीं।
चाहे आप क्रियायोग प्राप्त करने का निश्चय करें या नहीं, वे सभी साधक जो पाठों की मूल श्रृंखला में सिखाई गई प्रविधियों के अनुप्रयोग में ईमानदार हैं, वे अपने लिए एक अत्यंत लाभकारी ध्यान पद्धति का निर्माण कर सकते हैं। वे अपने लिए परमहंस योगानन्दजी के इस आश्वासन को सिद्ध कर पाएँगे कि दिव्य चेतना की उच्चतम अवस्था ऊपर सूचीबद्ध मौलिक प्रविधियों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है — हालांकि क्रियायोग सबसे तीव्र और सबसे प्रभावी तरीका है।
इस अध्ययन सामग्री का उपयोग कर, तथा नियमित रूप से ध्यान कर, आप अत्यधिक प्रसन्नता, एवं अपनी समस्याओं के सटीक उत्तर प्राप्त करेंगे! मात्र शब्दों से ही सन्तुष्ट न हों। सत्य का वास्तविक बोध करें। आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करें!
— परमहंस योगानन्द
प्रविधियों के अतिरिक्त, यह पाठ आध्यात्मिक जीवन के लिए प्रेरणा और व्यावहारिक मार्गदर्शन की सम्पदा प्रदान करते हैं — इस परिवर्तनशील संसार में निरंतर चुनौतियों और अवसरों के बीच प्रसन्न रहते हुए सफलतापूर्वक कैसे जिएं। आप उस प्रेरणा को दैनिक आध्यात्मिक अभ्यास में बदलना सीखेंगे।
पाठों के कुछ विषयों का दृष्टांत
परमहंस योगानन्दजी द्वारा परिचयात्मक पाठ पढ़ें
हम आपको परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं के माध्यम से आत्मा की शांति, आनंद और ज्ञान की जीवन-परिवर्तनकारी खोज में हमारे साथ यात्रा करने के लिए आमंत्रित करते हैं
तीन आसान चरणों में वाईएसएस पाठमाला के लिए आवेदन करें :
चरण 1 : खाता बनाएँ।
चरण 2 : आवेदन पूर्ण करें।
चरण 3 : शपथ पर डिजिटल हस्ताक्षर करें और ऑनलाइन जमा करें।
वाईएसएस पाठमाला (मूल श्रृंखला) को 18 गूढ़ पाठों (प्रत्येक में लगभग 24–40 पृष्ठ) में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक पाठ शिष्यों को 9 महीने तक हर दो सप्ताह में मिलता है। क्रियायोग की तैयारी के लिए सभी मौलिक ध्यान प्रविधियाँ इस अवधि के अंत तक मेल कर दी जाती हैं।
हम वाईएसएस पाठमाला की मूल श्रृंखला को एक विशेष प्रारंभिक मूल्य पर प्रस्तावित कर रहे हैं — साधारण डाक द्वारा भेजे गए पाठों के लिए ₹ 600, और कूरियर/विशेष डाक द्वारा भेजे गए पाठों के लिए ₹ 1000 — उनके वास्तविक मूल्य से बहुत कम।
उपरोक्त मूल्य केवल भारत के लिए लागू हैं। बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और श्रीलंका के लिए सदस्यता दर 4,200 रुपये है। नेपाल में शिष्यों से अनुरोध है कि सदस्यता के लिए कोपुंडोल में हमारे ध्यान केन्द्र से संपर्क करें।
इस मूल्य में वाईएसएस पाठ ऐप में पाठों के डिजिटल संस्करण की सुलभता और आपकी मौलिक पाठ श्रृंखला सदस्यता अवधि के दौरान पाठों के लिए सारी सहायक सामग्री शामिल है।
विशेष नोट : हम इन पाठों के नए संस्करण को सम्भवतः सबसे कम मूल्य पर प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि यह उन सभी के लिए उपलब्ध हो सकें जो उन्हें लेने में सक्षम नहीं हैं। हम यह अल्प मूल्य प्रस्तावित करने में केवल इसलिए सक्षम हैं क्योंकि हम योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के भक्तों से परमहंस योगानन्दजी के काम को सभी देशों में लोगों तक फैलाने के लिए उदार समर्थन की आशा करते हैं।
यदि आप सक्षम हैं, तो हम बहुत आभारी होंगे यदि नामांकन करते समय आप दान देने पर भी विचार कर सकें। इससे हमें अपने सामान्य कार्य संबंधी लागत को पूरा करने और सभी सच्चे साधकों तक परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं की उपलब्धता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
कृपया पहला पाठ आने में 2 से 4 सप्ताह का समय दें।
क्रियायोग एक साधारण श्वास व्यायाम नहीं, अपितु यह प्राणायाम की सर्वोच्च ज्ञात तकनीक है, जिसके द्वारा आप शरीर में प्राण शक्ति को सचेत रूप से नियंत्रित कर ब्रह्मांडीय चेतना प्राप्त कर सकते हैं।
— परमहंस योगानन्द
मैं क्रियायोग दीक्षा कब प्राप्त कर सकता हूँ?
क्रियायोग की उच्च तकनीक का अभ्यास करने से पहले ध्यान में एक ठोस आधार स्थापित करना महत्वपूर्ण है। परमहंस योगानन्दजी के व्यक्तिगत निर्देश प्राप्त करने के प्रथम आठ महीनों के दौरान तीन मौलिक प्रविधियों (शक्तिसंचार, एकाग्रता और ध्यान) को सीखने और अभ्यास करने के बाद, जो शिष्य इच्छुक हैं, वे क्रियायोग में दीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
वाईएसएस पाठमाला में क्रियायोग की शिक्षा के लिए पवित्र दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है।
योगी कथामृत में परमहंसजी ने इस प्रसंग की चर्चा की है कि किस प्रकार 1861 में महावतार बाबाजी द्वारा बड़े पैमाने पर मानवता के लिए क्रियायोग का पुनरूत्थान किया गया था। उन्होंने अपने शिष्य लाहिड़ी महाशय को प्राचीन विज्ञान की शिक्षा दी और उन्हें बताया कि जीवन में उनकी भूमिका इसे दूसरों को खुले तौर पर सिखाने की है (जैसा कि कई शताब्दियों से नहीं किया गया था)। सबसे पहले बाबाजी ने क्रियायोग दीक्षा के लिए बहुत ही उच्च स्तर स्थापित किया। तब लाहिड़ी महाशय ने अनुरोध किया कि बाबाजी शिष्यत्व के लिए पारंपरिक रूप से कठोर नियमों को शिथिल कर दें। “तथास्तु,” बाबाजी ने दयापूर्वक लाहिड़ी महाशय की प्रार्थना को स्वीकार किया। “तुम्हारे माध्यम से ईश्वरीय इच्छा प्रकट हुई है। जो भी विनम्रता के साथ तुमसे सहायता की याचना करें, उन सब को क्रिया दे दो।”
1949 में एसआरएफ़ मदर सेंटर में शिष्यों से बात करते हुए, परमहंसजी ने इसके बारे में अधिक जानकारी दी : “बाबाजी ने संसार-त्याग और तपस्या की प्राचीन पाबन्दियों को तो हटा दिया ताकि जनसाधारण को क्रियायोग का लाभ प्राप्त हो सके, परन्तु लाहिड़ी महाशय और उनके समस्त उत्तराधिकारियों (वाईएसएस/एसआरएफ़ गुरु परम्परा) पर उन्होंने यह शर्त लगाई कि उनके पास क्रियायोग की दीक्षा के लिए जो भी आए, उसे वे क्रियायोग अभ्यास की पूर्व-तैयारी के रुप में पहले कुछ समय तक विशेष आध्यात्मिक प्रशिक्षण दें।”
पश्चिम में अपने मिशन के शुरुआती वर्षों से ही परमहंसजी ने योग सिद्धांतों और तकनीकों में एक व्यवस्थित नियम श्रृंखला विकसित करना प्रारंभ कर दिया था, जो सच्चे शिष्यों को बाबाजी द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार क्रियायोग दीक्षा के लिए तैयार कर सके। इस नियमावली का प्रशिक्षण प्रारंभ में केवल परमहंसजी द्वारा व्यक्तिगत रूप से आयोजित कक्षाओं में दिया जाता था, और इसमें तीन मौलिक प्रविधियाँ (शक्ति संचार प्रविधि, एकाग्रता की हंसः प्रविधि, ध्यान की ओम् प्रविधि) शामिल थीं जिनका अभ्यास उनके अनुसार क्रियायोग की पूर्ण प्रभावशीलता को अनुभव करने हेतु अनिवार्य था।
सन् 1934 से उपरोक्त प्रविधियों से संबंधित विस्तृत निर्देश योगदा सत्संग पाठों में दिए जा रहे हैं। वाईएसएस पाठमाला के उन सभी शिष्यों के लिए जो ईश्वर-प्राप्ति हेतु अपने व्यक्तिगत मार्ग के रूप में क्रियायोग विज्ञान के प्रति आकर्षण अनुभव करते हैं, परमहंसजी ने क्रियायोग तकनीक के अभ्यास में दीक्षा का नियम बनाया। योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के माध्यम से दी जाने वाली पवित्र दीक्षा शिष्य और परमहंस योगानन्दजी के बीच गुरु-शिष्य संबंध स्थापित करती है।
परमहंस योगानन्दजी ने गुरु-शिष्य संबंध को “एक बहुत ही व्यक्तिगत और निजी आध्यात्मिक बंधन का रुप बताया… जो शिष्य की ओर से निष्ठावान आध्यात्मिक प्रयास और गुरु द्वारा दिए गए दिव्य आशीर्वाद का संयुक्त रूप” है।
मैं ईश्वर में आपके आनन्द के अतिरिक्त आपसे कुछ नहीं चाहता। और आप मुझसे ईश्वर के ज्ञान और आनन्द के अतिरिक्त और कुछ नहीं चाहते।
— परमहंस योगानन्द
कृपया ध्यान दें: योगदा सत्संग पाठों के नए हिंदी संस्करण के लिये नामांकन अब खुला है।
योगदा सत्संग शिक्षाओं का मुख्य केन्द्र बिन्दु है प्रविधियाँ, अनावश्यक सिद्धान्त से रहित। पाठों में वर्णित सत्य सार्वभौमिक रूप से व्यावहारिक हैं। उनकी स्पष्ट एवं सरल प्रस्तुति अधिक जटिल सत्यों को भी बोधगम्य तथा युवाओं और वृद्धों दोनों के ही द्वारा समान रूप से उन्हें अपने दैनिक जीवन में उतारने के लिए सरल बना देती है। इन निर्देशों को व्यस्ततम व्यक्ति द्वारा भी पढ़ा एवं अभ्यास में उतारा जा सकता है, क्योंकि प्रविधियों के अभ्यास के लिए प्रतिदिन केवल अपेक्षाकृत थोड़े समय की ही आवश्यकता होती है।
— परमहंस योगानन्द
तीन आसान चरणों में वाईएसएस पाठों के लिए आवेदन करें :
चरण 1: खाता बनाएँ।
चरण 2: आवेदन पूर्ण करें।
चरण 3: शपथ पर डिजिटल हस्ताक्षर करें और ऑनलाइन जमा करें।
भारत के बाहर रहने वाले और पड़ोसी देशों में रहने वालों के लिए सूचना :
योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका में परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं का प्रसार करती है। यदि आप इनमें से किसी देश से बाहर रहते हैं, तो कृपया सेल्फ़-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप (एसआरएफ़) के माध्यम से पाठमाला के लिए आवेदन करें। एसआरएफ़ हमारी सहयोगी संस्था है, जिसकी स्थापना परमहंसजी ने विश्व के अन्य सभी हिस्सों में अपनी शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए 1920 में की थी। वाईएसएस पाठमाला और एसआरएफ़ पाठमाला की सामग्री एकसमान है।
वाईएसएस पाठमाला (मूल श्रृंखला) को 18 गूढ़ पाठों (प्रत्येक में लगभग 24–40 पृष्ठ) में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक पाठ शिष्यों को 9 महीने तक हर दो सप्ताह में मिलता है। क्रियायोग की तैयारी के लिए सभी मौलिक ध्यान प्रविधियाँ इस अवधि के अंत तक मेल कर दी जाती हैं।
हम वाईएसएस पाठमाला की मूल श्रृंखला को एक विशेष प्रारंभिक मूल्य पर प्रस्तावित कर रहे हैं — साधारण डाक द्वारा भेजे गए पाठों के लिए ₹ 600, और कूरियर/विशेष डाक द्वारा भेजे गए पाठों के लिए ₹ 1000 — उनके वास्तविक मूल्य से बहुत कम।
उपरोक्त मूल्य केवल भारत के लिए लागू हैं। बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और श्रीलंका के लिए सदस्यता दर 4,200 रुपये है। नेपाल में शिष्यों से अनुरोध है कि सदस्यता के लिए कोपुंडोल में हमारे ध्यान केन्द्र से संपर्क करें।
इस मूल्य में वाईएसएस पाठ ऐप में पाठों के डिजिटल संस्करण की सुलभता और आपकी मौलिक पाठ श्रृंखला सदस्यता अवधि के दौरान पाठों के लिए सारी सहायक सामग्री शामिल है।
विशेष नोट : हम इन पाठों के नए संस्करण को सम्भवतः सबसे कम मूल्य पर प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि यह उन सभी के लिए उपलब्ध हो सकें जो उन्हें लेने में सक्षम नहीं हैं। हम यह अल्प मूल्य प्रस्तावित करने में केवल इसलिए सक्षम हैं क्योंकि हम योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के भक्तों से परमहंस योगानन्दजी के काम को सभी देशों में लोगों तक फैलाने के लिए उदार समर्थन की आशा करते हैं।
यदि आप सक्षम हैं, तो हम बहुत आभारी होंगे यदि नामांकन करते समय आप दान देने पर भी विचार कर सकें। इससे हमें अपने सामान्य कार्य संबंधी लागत को पूरा करने और सभी सच्चे साधकों तक परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं की उपलब्धता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
कृपया पहला पाठ आने में 2 से 4 सप्ताह का समय दें।
“नए पाठों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, वे बहुत मददगार हैं, मैं अब शिक्षाओं को बेहतर तरीके से समझ रहा हूँ, और हमारे महान गुरु के आशीर्वाद को महसूस कर रहा हूँ।”
– एस. जे., दिल्ली
आध्यात्मिक गौरव ग्रंथ योगी कथामृत के लेखक परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं के माध्यम से आत्मा की शांति, आनन्द और ज्ञान की जीवन-परिवर्तनकारी जागृति का अनुभव करें।
एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप सभी के लिए है — चाहे आप परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं में पूर्णतः नए हों या दशकों से इन महान गुरु के ज्ञान में तल्लीन हों। यह उन सभी के लिए भी है जो ध्यान, क्रियायोग विज्ञान और आध्यात्मिक रूप से संतुलित जीवन जीने के व्यावहारिक मार्ग के बारे में अधिक सीखना चाहते हैं।
विशिष्ट :
ऐप में वाईएसएस/एसआरएफ़ क्रियायोग शिक्षाओं को अपने दैनिक जीवन में लागू करने हेतु सहायक मल्टीमीडिया सामग्री की समृद्ध विविधता के साथ-साथ आपके पाठों के डिजिटल संस्करण भी शामिल हैं।
साथ में :
यदि आप वाईएसएस/एसआरएफ़ पाठमाला के शिष्य हैं, तो कृपया ऐप में पाठों तक पहुँचने के लिए अपनी सत्यापित खाता जानकारी का उपयोग करें।
वाईएसएस पाठमाला के शिष्य डेस्कटॉप ऐप पर वाईएसएस पाठ और सहायक सामग्री भी देख सकते हैं :
इस अद्भुत नए ऐप को विकसित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं इसकी कई सुविधाओं को लेकर अत्यधिक उत्साहित हूँ। इसमें पाठ पढ़ना, महत्वपूर्ण चीज़ों को उजागर करना और फ़्लैशकार्ड बनाना मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। इस नए ऐप के कारण अब मैं ईश्वरीय उपस्थिति को अपने दैनिक जीवन में अधिकाधिक अनुभव कर पा रहा हूँ। थोड़ा भी खाली समय मिलने पर मैं अपने फ़्लैशकार्ड देख सकता हूँ और स्वयं को याद दिला सकता हूँ कि मेरे जीवन में क्या अधिक आवश्यक है या इस समय मुझे कहाँ ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आशीर्वादों के इस उपहार के लिए मैं बहुत ही आभारी हूँ!
बहुत ही प्रसन्नता के साथ मैं आज आपको यह ईमेल भेज रहा हूँ। मैं आपको बताना चाहता था कि किस प्रकार नया एसआरएफ़ ऐप अब नेत्रहीन लोगों के लिए सुलभ है। यह बहुत ही अद्भुत है, और मैं यह स्वीकार करता हूँ कि मैं अभी भी इस उपहार के महत्त्व से अभिभूत हूँ। हाल ही में इस ऐप के नवीनतम विकास के कारण हममें से जिन लोगों को "दस्तावेज़ रीडर" के बजाय "स्क्रीन रीडर" की आवश्यकता होती है, अब वह भी सुलभ हो गया है। इस ऐप के माध्यम से दृष्टिबाधित भक्त ध्यान और अन्य एसआरएफ़/वाईएसएस कार्यक्रमों में शामिल होने में सक्षम होंगे। हमेशा की तरह, हमारे गुरु ने बड़ी ही उदारतापूर्रवक जितना हमने कभी मांगने के बारे में सोचा होगा, उससे कहीं अधिक दिया है। मैं बहुत आभारी हूँ कि हमारे एसआरएफ़ परिवार ने हमारी आवश्यकताओं को समझा और उस पर प्रतिक्रिया दी।
मैंने ऐप नोटिस देखा और मुझे कहना होगा कि यह उन्नयन एक बड़े पैमाने की सफलता है। इसमें मेरी वह सभी आशाएं पूरी हो गई हैं जो मुझे पिछले ऐप से थीं - लैंडस्केप मोड, अध्ययन के लिए खोजे जाने योग्य हाइलाइट्स (जो मेरी उम्मीदों से भी बढ़कर है), टेक्स्ट टू स्पीच, और सभी लिंक जो सुविधाजनक रूप से उपलब्ध हैं। मैंने इस ऐप में अध्ययन करते हुए पहले की तुलना में अधिक समय बिताया है। विशेष रूप से मेरे हाइलाइट्स के अनुसार स्क्रॉल करना, जिन्हें अब मैं रंग के आधार पर वर्गीकृत और फ़िल्टर कर सकता हूँ। इसकी सहायता से मैं मेरे सभी प्रतिज्ञापनों को एक रंग में सेट करने और उन्हें एक निर्बाध सूची के रूप में देख सकता हूँ! यह स्वयं में एक भंडार है! मैं सोचता रह गया कि पिछले कुछ वर्षों में मैंने जितने भी ऐप अपग्रेड किए हैं उनमें एसआरएफ़ सबसे प्रभावशाली सफलता लेकर आया है। धन्यवाद!
मैं बहुत आभारी हूँ कि अब मैं कम्प्यूटर पर अपने पाठों को पढ़ने में सक्षम हूँ। सब कुछ बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। मैं शायद ही इस तकनीक के माध्यम से आने वाले सभी आशीर्वादों को एक साथ आत्मसात कर पाऊँ!
जैसे ही मैंने एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप खोला, मुझे एक सूचना मिली : नया अपडेट उपलब्ध है। मैंने ऐप स्टोर पर "नया क्या है" अनुभाग पढ़ना शुरू किया, और इस नए संस्करण (संस्करण 3.0.0) से अत्यंत प्रभावित हूँ। इसमें काफी सारी नई सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
मुझे वास्तव में ऐप का यह नया संस्करण बहुत पसंद आया। इसमें ध्यान का अभ्यास करने, साथी भक्तों के साथ शिक्षा प्राप्त करने और जुड़ने के साथ-साथ एसआरएफ़ से नवीनतम समाचार प्राप्त करने के लिए और भी बहुत कुछ सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
इस ऐप का नया संस्करण बहुत ही अद्भुत है। सभी चीजों को एक स्थान पर लाना वाकई शानदार है। अद्भुत।
मुझे यह नया ऐप बहुत पसंद आया, विशेष रूप से टीटीएस [टेक्स्ट-टू-स्पीच]!
ऐप से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों को पढ़ने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
उपरोक्त प्रश्न विशेष रूप से एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप से संबंधित हैं, वाईएसएस और इन शिक्षाओं से संबंधित सामान्य प्रश्नों के लिए कृपया हमारे FAQ पेज पर जाएँ।
परमहंस योगानन्दजी के शरीर छोड़ने के इतने वर्षों बाद, वाईएसएस अब हिन्दी पाठमाला का नया संस्करण क्यों जारी कर रहा है?
योगदा सत्संग/सेल्फ-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप पाठों का व्यापक संवर्धन और विस्तार श्री श्री परमहंस योगानन्द ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में शुरू किया था, और उनके निर्देशानुसार ही पूरे विश्व के लिए उनका प्रकाशन और वितरण किया गया। यह परमहंसजी द्वारा हमारी दिवंगत प्रिय संघमाता और अध्यक्ष श्री मृणालिनी माता को व्यक्तिगत रूप से सौंपी गई एक महत्त्वपूर्ण परियोजना थी — एक परियोजना जिसपर उन्होंने दशकों तक काम किया, और जिसे अंतिम रूप देने के लिए उन्होंने अपने जीवन के अंतिम कुछ वर्षों के दौरान बड़ी मात्रा में अपने उपलब्ध समय और शक्ति को समर्पित किया था।
हिन्दी पाठमाला का नया संस्करण मौजूदा संस्करण से किस प्रकार भिन्न होगा?
हिन्दी पाठमाला का नया संस्करण अंग्रेज़ी वाईएसएस पाठमाला के नए संस्करण का अनुवाद है जिनका विमोचन 2019 में किया गया था। इनमें परमहंसजी के लेखन और कक्षाओं से ली गई नवीन सामग्री की एक निधि सम्मिलित है जो तब उपलब्ध नहीं थी जब 1930 के दशक में वर्तमान पाठों को मूल रूप दिया गया था, इसके साथ-साथ क्रियायोग सहित वाईएसएस/एसआरएफ़ ध्यान प्रविधियों और कई अन्य विषयों पर स्पष्ट और अधिक विस्तृत निर्देश इनमें शामिल किए गए हैं। एसआरएफ़/वाईएसएस पथ के सबसे आवश्यक सिद्धांतों को और अधिक सुसंगठित और सकेंद्रित रूप में प्रस्तुत किया गया है। पाठमाला शिक्षार्थियों के लिए परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखाई गई प्रविधियों और आध्यात्मिक जीवन के तौर तरीकों को सीखना, आत्मसात् करना और अभ्यास करना बहुत आसान होगा।
एक बार मूल पाठमाला शृंखला (संख्या में 18) के नए संस्करण में नामांकित (enrolled/subscribed) होने के बाद, आप एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप के माध्यम से प्रत्येक पाठ को उसके डिजिटल प्रारूप में पढ़ सकेंगे, साथ ही परमहंस योगानन्दजी की ऑडियो रिकॉर्डिंग सहित हिन्दी में नई ऑडियो और वीडियो सामग्री भी प्राप्त कर सकेंगे। वाईएसएस शक्ति-संचार व्यायाम के अभ्यास के लिए चरणबद्ध निर्देशों के साथ वीडियो, और पाठों में प्रस्तुत सामग्री को समझने के लिए अन्य सहायक सामग्री — जैसे प्रेरणादायक व्याख्यान, अनुदेश और निर्देशित ध्यान भी सम्मिलित हैं। चूँकि कुछ मूल ऑडियो और वीडियो सामग्री अंग्रेज़ी में है, इसलिए हिन्दी voice-over और/या उपशीर्षक उनमें जोड़े गए हैं।
साथ ही साथ, हम इस महत्त्वपूर्ण बात पर बल देना चाहते हैं कि वर्तमान पाठमाला में वह सब कुछ है जो एक साधक को ईश्वर को खोजने के लिए चाहिए। वर्तमान पाठों के कई शिक्षार्थी अपने अनुभव से इसे प्रमाणित कर सकते हैं।
वाईएसएस हिन्दी पाठमाला का नया संस्करण कब उपलब्ध कराया जाएगा?
मूल हिन्दी पाठमाला शृंखला के लिए नामांकन रविवार, 3 दिसंबर, सुबह 10 बजे (IST) से शुरू होगा।
5 जनवरी, 2024 (IST) को, हमारे गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्द के शुभ अविर्भाव दिवस पर, हिन्दी में अनुवादित इस पाठमाला का विमोचन एक सार्वजनिक समारोह में किया जाएगा। इस कार्यक्रम को लाइव-स्ट्रीम द्वारा प्रसारित किया जाएगा। उसके बाद इन पाठों का प्रेषण शुरू हो जाएगा।
क्या हम भक्तों (जिन्होंने अपने वर्तमान पाठों का पूरा सेट प्राप्त कर लिया है) के लिए नई पाठमाला के लिए नामांकन करना आवश्यक है?
नहीं, इसकी आवश्यकता नहीं है। तथापि, हम आपको ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि पाठों के नए संस्करण में परमहंसजी के लेखन और कक्षाओं से नवीन सामग्री की निधि जो उस समय उपलब्ध नहीं थी जब 1930 के दशक में वर्तमान पाठ मूल रूप से बनाए गए थे—वाईएसएस ध्यान प्रविधियों पर स्पष्ट और अधिक विस्तृत निर्देश, क्रियायोग और कई अन्य विषय शामिल हैं। वाईएसएस/एसआरएफ़ के सबसे आवश्यक सिद्धांतों को अधिक सुसंगठित और सकेंद्रित रूप में प्रस्तुत किया गया है। शिक्षार्थियों के लिए, परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखाई गई प्रविधियों और आध्यात्मिक जीवन के तौर-तरीकों को सीखना, आत्मसात् करना और अभ्यास करना बहुत आसान होगा।
हिन्दी पाठमाला के नए संस्करण के साथ शिक्षार्थियों को एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप के माध्यम से हिन्दी में डिजिटल पाठमाला के साथ-साथ नई ऑडियो और वीडियो सामग्री हिन्दी में प्राप्त होगी।
नामांकन (Subscription) शुल्क क्या है?
हम मूल शृंखला (18 पाठ, प्रत्येक पाठ में 24 से 40 पृष्ठ हैं ) निम्नलिखित दरों में प्रस्तुत कर रहे हैं —
भारत में लागू दरें :
भारत के बाहर लागू दरें -
आपके नामांकन में मानार्थ (complimentary access) एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप के माध्यम से पाठों का डिजिटल संस्करण और पाठों की सभी सहायक सामाग्री उपलब्ध होगी।
कौन आवेदन कर सकते हैं?
नए आवेदकों के साथ-साथ सभी वाईएसएस और एसआरएफ़ पाठमाला के मौजूदा शिक्षार्थी हिन्दी पाठमाला के लिए आवेदन कर सकते हैं, भले ही वे किसी भी देश में निवास कर रहे हों।
मैं कैसे आवेदन कर सकता/सकती हूँ?
नामांकन प्रारंभ होने पर :
वाईएसएस पाठमाला नामांकन का डिजिटल सत्यापन (Verification) क्या है?
यह हमारे ऑनलाइन डेवोटी पोर्टल (devotees.staging2.yssofindia.org) के माध्यम से आपके नामांकन के विषय में जानकारी (वाईएसएस पाठमाला नामांकन संख्या, डाक पता, फोन नंबर, जन्म तिथि और ईमेल) को सत्यापित करने की एक प्रक्रिया है।
डिजिटल सत्यापन करने के क्या लाभ हैं?
सफलतापूर्वक सत्यापन के बाद, आपका ऑनलाइन अकाउंट आपके पाठमाला के नामांकन से लिंक हो जाएगा, और आप निम्नलिखित ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे —
क्या आप डिजिटल सत्यापन की प्रक्रिया में सहायता कर सकते हैं?
किसी भी प्रकार की सहायता के लिए वाईएसएस हेल्प डेस्क से (0651) 6655 555 (सोमवार से शनिवार सुबह 9:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक) पर संपर्क करें अथवा helpdesk@yssi.org पर ईमेल करें।
क्या नई पाठमाला लेने से क्रिया दीक्षा के लिए हमारी पात्रता में देरी होगी?
जिस प्रकार पाठमाला को पुनर्गठित किया गया है, उसके अनुसार नए शिक्षार्थी आठ महीनों के अध्ययन के बाद क्रिया दीक्षा के लिए आवेदन करने के योग्य हो जाएँगे। मौजूदा पाठमाला के शिक्षार्थी, जिन्होंने अभी तक क्रिया दीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया है, आठ महीने के अध्ययन, और कम से कम कुछ महीनों तक तीनों प्रविधियों — शक्ति-संचार व्यायाम, हं-सः और ओम् प्रविधि का नियमित रूप से दिन में दो बार अभ्यास करने के बाद क्रिया दीक्षा प्राप्त करने के योग्य हो जाएँगे— चाहे आप नए संस्करण को लें, या वर्तमान पाठों के साथ बने रहें।
मैंने पहले ही हिन्दी पाठमाला के लिए नामांकन (Subscription) करवा लिया है और अभी तक सभी पाठ प्राप्त नहीं हुए हैं। मेरे पाठमाला के नामांकन का क्या होगा?
यदि आपका नामांकन सक्रिय है और कुछ पाठ अभी तक भेजे नहीं गए हैं, तो आप निम्नलिखित 3 विकल्पों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।
क्या "क्रिया" पाठों का एक नया सेट मिलेगा?
हाँ, मौजूदा क्रियावान् साधक नए "क्रिया" पाठों के लिए नामांकन करवा सकते हैं जब वे उपलब्ध होंगे। ये पाठ वर्ष 2024 के अंत में उपलब्ध हो सकेंगे।
क्या हिन्दी पाठों का नया संस्करण जारी होने के बाद वर्तमान हिन्दी पाठमाला के नामांकन (Subscription) बंद कर दिया जाएगा?
हाँ, हिन्दी पाठों का नया संस्करण जारी होने पर हम वर्तमान हिन्दी पाठमाला के लिए नामांकन स्वीकार नहीं करेंगे।
अगर आप डाक द्वारा नामांकन करना चाहते हैं, तो आवेदन फॉर्म डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें।