"'योगी कथामृत' को आधुनिक युग का उपनिषद् माना जाता है।... इसने संसार के लाखों सत्यान्वेषियों की आध्यात्मिक प्यास को तृप्त किया है।"
“निसंदेह उनकी असाधारण जीवन-कथा भारत की आध्यात्मिक संपदा पर अत्यधिक प्रकाश डालने वाली पश्चिम में प्रकाशित पुस्तकों में से एक है।”
“योगानन्दजी यौगिक अभ्यासों के उच्च स्तरों में प्राप्त होने वाली 'ब्रह्माण्डीय चेतना' का आश्चर्यजनक विवरण देते हैं।”
“जबकि दूसरी पुस्तकें आती हैं और चली जाती हैं, परन्तु यह बनी रही क्योंकि...यह हृदयस्पर्शी और उत्कृष्ट ढंग से आध्यात्मिक तृप्ति के द्वार खोलती है।”
“योगानन्द धार्मिक मतभेदों से ऊपर एक आध्यात्मिक स्तर पर हैं”
"पृष्ठ जो पाठक को रोमांचित करेंगे, क्योंकि वह प्रत्येक मानव के ह्रदय में सुप्त आकांक्षाओं तथा अपेक्षाओं को भाते हैं।"
“वास्तविक प्रकटीकरण...मानवजाति को स्वयं को समझने में और अच्छी तरह सहायता प्रदान करेगा...असाधारण...आनंददायक चातुर्य और सम्मोहक सत्यता से वर्णन की गयी।”
आकर्षक, मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक
"अब तक लिखी गई आध्यात्मिक पुस्तकों में 'योगी कथामृत' का एक अति मनोरंजक व शिक्षाप्रद पुस्तक के रूप में विख्यात होना युक्तिसंगत है।"
— टॉम बटलर बौडॉन, लेखक, 50 स्पिरिचुअल क्लासिक्स : टाइमलेस विज़डम फ्रॉम 50 ग्रेट बुक्स ऑफ़ इनर डिस्कवरी, एनलाइटनमेंट एंड परपज़
"हमारे वर्तमान समय के पाठक को योगी कथामृत जैसी सुन्दर, गहन, और सच्ची पुस्तक कदाचित ही मिले। ... व्यक्तिगत अनुभवों से समृद्ध और ज्ञान से परिपूर्ण।..."
— ला पाज़, बोलिविया
"एक अत्यंत पठनीय शैली में...योगानन्द योग को एक विश्वासप्रद विषय के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिससे कि 'उपहास उड़ाने' आए व्यक्ति भी 'प्रार्थना करने' के लिए रुक सकें।"
— सैन फ्रांसिस्को क्रोनिकल
"वास्तविक प्रकटीकरण...मानवजाति को स्वयं को समझने में और अच्छी तरह सहायता प्रदान करेगा...असाधारण...आनंददायक चातुर्य और सम्मोहक सत्यता से वर्णन की गयी...एक उपन्यास के समान आकर्षक।"
— न्यूज़-सेंटिनल, फोर्ट वेन , इण्डियाना
"हज़ारों पुस्तकें जो हर वर्ष प्रकाशित होती हैं, उनमें से कुछ मनोरंजक होती हैं, कुछ शिक्षा प्रदान करती हैं, कुछ ज्ञानवर्धक होती हैं। एक पाठक अपने को भाग्यशाली समझ सकता है यदि उसे ऐसी पुस्तक मिले जो यह तीनों काम कर दे। 'योगी कथामृत' इन सबसे भी अनुपम है — यह एक ऐसी पुस्तक है जो मन और आत्मा के द्वार खोल देती है।"
— इण्डिया जर्नल
"मैं परमहंस योगानन्द से दो अवसरों पर मिला।... जिस क्षण मैंने उस पुस्तक को पढ़ना आरम्भ किया, उसने मुझे कुछ ऐसा किया जिसका मैं वर्णन नहीं कर सकता। मैंने योगियों द्वारा लिखित योग पर कई पुस्तकें पढ़ी हैं; परन्तु मैं किसी पुस्तक से इस तरह प्रभावित नहीं हुआ, जैसा कि इससे। इसमें कोई जादू है।"
"मैं घर में ढेरों योगी कथामृत रखता हूँ और लोगों को लगातार बाँटता रहता हूँ। जब लोगों को ‘कायाकल्प’ की आवश्यकता हो, मैं कहता हूँ, कि इसे पढ़ो क्योंकि यह हर धर्म का मर्म है।"
"इस लुभावने संसार में मुझे कुछ अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए मैं आपका आभारी हूं।"
“मुझे यह पुस्तक अच्छी लगती है। इसे उन सभी को पढ़ना चाहिए जो अपने विचारों और विचारधाराओं को चुनौती दिए जाने की हिम्मत रखते हैं। इस पुस्तक में ज्ञान की समझ और कार्यान्वयन आपके पूरे दृष्टिकोण और जीवन को बदल देगा।”
"योगानन्द... के पास आत्म-साक्षात्कार पर यह पुस्तक थी... [स्टीव का] हमारे लिए अंतिम संदेश यह था कि इस योगानंद की पुस्तक के द्वारा.... स्वयं को साकार करें।
आध्यात्मिक पथ पर सर्वाधिक बिकने वाली मार्गदर्शक
"दशक-दर-दशक, 'योगी कथामृत' हमारी सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक रही है। जबकि दूसरी पुस्तकें आती हैं और चली जाती हैं, परन्तु यह बनी रही क्योंकि समय के साथ आलोचनात्मक जाँच-पड़ताल में यह पता चला कि यह हृदयस्पर्शी और उत्कृष्ट ढंग से आध्यात्मिक तृप्ति के द्वार खोलती है।"
— बोधि ट्री बुक स्टोर, लॉस एंजिलिस
"आध्यात्मिक पथ पर तुम्हें बड़ी मुश्किल से कोई मिलेगा, जिसका जीवन इस गहन साहित्यिक कृति से प्रभावित न हुआ हो। इसने मुझे योग, ध्यान और आत्म-अन्वेषण का ऐसा पथ दिखाया जो आज तक जारी है।"
— जैक कैनफ़ील्ड, चिकन सूप फॉर द सोल श्रंखला के सहसृजक
"पृष्ठ जो पाठक को रोमांचित करेंगे, क्योंकि वह प्रत्येक मानव के ह्रदय में सुप्त आकांक्षाओं तथा अपेक्षाओं को भाते हैं।"
— इल टेम्पो डेल ल्यूनेडी, रोम
"1946 में प्रथम बार प्रकाशित और लेखक द्वारा बाद में विस्तारित, दुनिया के आध्यात्मिक साहित्य के बहुत महत्वपूर्ण लेखों में से एक है, क्योंकि यह आध्यात्मिक जीवन का सार व्यक्त करती है।"
— द सांता फे सुन
"अत्यंत आकर्षक रूप से सरल और आत्मोद्घाटन करने वाली जीवनियों में से एक... ज्ञान का एक वास्तविक भंडार। जिन महान् विभूतियों से इन पृष्ठों में भेंट होती है… वे यादों में गहन आध्यात्मिक ज्ञान से समृद्ध मित्रों की भाँति लौटते हैं, और इन सभी महानतम विभूतियों में से एक है, ईश्वरोन्मत्त लेखक स्वयं।"
— डॉ एना वॉन हेल्मोल्ट्ज़-फेलन, अंग्रेज़ी की प्रवक्ता, मिनेसोटा यूनिवर्सिटी
भारत की आध्यात्मिक संपदा का एक सूक्ष्म अवलोकन
"'योगी कथामृत' को आधुनिक युग का उपनिषद् माना जाता है।... इसने संसार के लाखों सत्यान्वेषियों की आध्यात्मिक प्यास को तृप्त किया है। भारतीय सन्तों व दर्शनशास्त्र संबंधी इस पुस्तक की लोकप्रियता के अभूतपूर्व प्रसार को देख हम भारतीय मुग्ध और आश्चर्यचकित है। हमें अत्यंत संतुष्टि और गौरव का अनुभव होता है कि 'योगी कथामृत' के स्वर्णिम पात्र में भारत के सनातन धर्म, शाश्वत सत्य के सिद्धान्तों, के अविनाशी अमृत को संग्रहित किया गया है।"
— डॉ आशुतोष दास, एम ए, पी एच डी, डी लिट्, प्रवक्ता, कोलकाता विश्वविद्यालय
"एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा आधुनिक हिन्दू सन्तों की असाधारण जीवन कथाओं एवं अलौकिक शक्तियों के वर्णनों से युक्त इस पुस्तक का सामयिक और सर्वकालिक, दोनों दृष्टियों से महत्त्व है।...निस्सन्देह उनकी असाधारण जीवन-कथा भारत की आध्यात्मिक संपदा पर अत्यधिक प्रकाश डालने वाली पश्चिम में प्रकाशित पुस्तकों में से एक है।"
— डब्लू वाई ईवान्स वेंटज एम ए, डी लिट, डी एस सी, सुविख्यात विद्वान तथा पौर्वात्य धर्म पर कई पुस्तकों के लेखक
"चाहे योगानन्द अमर सन्तों या चमत्कारी उपचारों के विषय में बताएं या फिर भारतीय ज्ञान और योग विज्ञान की चर्चा करें, पाठक मंत्रमुग्ध हो जाता है।"
— डाई वेलट्वॉश, ज़्यूरिख, स्विट्ज़रलैंड
सभी धर्मों का आध्यात्मिक सार
"अंततः ब्रह्माण्ड की एक गैर-विरोधात्मक एवं अंतर्ज्ञानात्मक संतोषजनक छवि, अंतरिक्ष में घूमते विश्वों से लेकर मानव जीवन के सूक्ष्मतम विवरण तक।"
— रनर्स वर्ल्ड
"सुप्रसिद्ध 'योगी कथामृत’ में, योगानन्दजी यौगिक अभ्यासों के उच्च स्तरों में प्राप्त होने वाली ब्रह्माण्डीय चेतना एवं यौगिक और वेदान्तिक दृष्टि से अनेक दिलचस्प मानवीय पहलुओं का आश्चर्यजनक विवरण देते हैं।"
— रार्बट एस एलवुड, पी एच डी, चेयरमैन, स्कूल ऑफ़ रिलिजन, यूनिवर्सिटी ऑफ़ सदर्न कैलिफ़ोर्निया
"योगी कथामृत के समानांतर कुछ ही हो क्योंकि इसकी सच्चाई निश्चित रूप से आपके धार्मिक विश्वासों से परे आपके हृदय को बेधती है।"
— शाखाएं
प्रेस समीक्षाएं :
"एक अद्वितीय वृतांत"
"एक मनमोहक और स्पष्ट व्याख्यापूर्ण अध्ययन"
"…एक ज्ञान इतना गहन कि व्यक्ति मंत्रमुग्ध अनुभव करता है, सदैव के लिए प्रेरित।"
"इस शताब्दी के गहनतम एवं अत्यंत महत्वपूर्ण संदेशों में से एक।"
"इस योगी की यह आत्मकथा एक मोहक पठन है।"
परमहंस योगानन्दजी की योगी कथामृत की 75 वीं वर्षगांठ के स्मरणोत्सव के उपलक्ष में, हम आपको इस पुस्तक द्वारा आपके जीवन पर पड़े प्रभाव के व्यक्तिगत संस्मरण साझा कर, पुस्तक की चिरस्थायी कीर्ति का उत्सव मनाने हेतु आमंत्रित करते हैं।