“शिष्यत्व को गहन बनाना” — वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स का प्रारंभिक विकास

13 जनवरी, 2024

मैं वीएलडी में अपने गुरु के साथ और अधिक समस्वरता की अपेक्षा से सम्मिलित हुआ। मैं अपना जीवन ईश्वर को समर्पित करने, ईश्वर से प्रेम करने और ईश्वर की सेवा करने के आशीर्वाद से रोमांचित हो गया। और यह आशीर्वाद सतत मिल रहा है। वीएलडी की गतिविधियों ने मुझे अपनी साधना पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने और “आध्यात्मिक कर्तव्यों” [वीएलडी सदस्यों के लिए उल्लिखित] का पालन करने के लिए पहले से कहीं अधिक प्रयास करने में योगदान दिया है। और मेरा विश्वास और अपेक्षा है कि बाकी लोग भी इसका अनुसरण करेंगे।

—एच.के., कोलकाता

जैसा कि योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया/सेल्फ़-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप (वाईएसएस/एसआरएफ़) के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख, स्वामी चिदानन्दजी, वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स विवरण पुस्तिका में पाठकों का स्वागत करते हुए अपने संदेश में लिखते हैं, “परमहंस योगानन्दजी ने अपने अंतिम वर्षों के दौरान अपना अधिकतम समय एक माध्यम या संरचना का निर्माण करने में समर्पित किया जिसके द्वारा विश्व-भर में वाईएसएस और एसआरएफ़ के सदस्य उनके काम की वृद्धि और प्रगति में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। अब वाईएसएस और एसआरएफ़ वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स के औपचारिक उद्घाटन के साथ वह सपना पूरा हो गया है।”

जून 2021 में इसकी स्थापना के बाद से, गृहस्थ शिष्यों को सेवा प्रदान करने और इस पथ पर अपने शिष्यत्व को गहन करने के बारे में अधिक जानने के लिए कई रोमांचक नए अवसर आए हैं। इस पोस्ट में, वर्तमान में हो रही प्रगति की जानकारी देते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है।

लेकिन सबसे पहले, यहाँ कुछ पृष्ठभूमि दी गई है कि कैसे योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया में क्रिया योगी बनना इस विषय से सम्बंधित है कि कोई व्यक्ति वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स (वीएलडी) में शामिल होने का फैसला करता है या नहीं :

इस आध्यात्मिक पथ पर, जब कोई क्रियायोग प्रविधि में दीक्षा प्राप्त करता है, तो वह परमहंस योगानन्दजी के साथ गुरु-शिष्य सम्बन्ध में प्रवेश करता है — जो भारत में सहस्राब्दियों से ज्ञात निष्ठावान आध्यात्मिक खोज की सबसे प्रतिष्ठित परंपरा है, — और वाईएसएस या एसआरएफ़ का क्रियाबान सदस्य बन जाता है।

पवित्र क्रिया दीक्षा प्राप्त करने के समय, क्रियाबान भक्त शिष्यत्व की आध्यात्मिक प्रतिज्ञा लेते हैं। कम से कम एक वर्ष तक क्रियाबान रहने के बाद, यदि कोई चाहे तो परमहंस योगानन्दजी द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सिद्धांतों के अनुसार आत्म-अनुशासित जीवन जीने और वाईएसएस/एसआरएफ़ की नियमित सेवा के लिए आध्यात्मिक प्रतिबद्धता की अतिरिक्त प्रतिज्ञा लेते हुए, वीएलडी में सम्मिलित होने का विकल्प भी चुन सकता है।

वीएलडी की स्थापना के बाद से, वीएलडी सदस्यों को वीएलडी प्रतिज्ञा के अनुसार अपना जीवन जीने हेतु मार्गदर्शित करने, संन्यासियों द्वारा विशेष रूप से अभिकल्पित कक्षाओं के माध्यम से उनके आंतरिक आध्यात्मिक जीवन को सशक्त करने और फ़ेलोशिप के माध्यम से एक दूसरे के साथ सुदृढ़ आध्यात्मिक सम्बन्ध बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।

इस पोस्ट में, आप वॉलंटरी लीग के वाईएसएस खण्ड द्वारा किए गए कार्यक्रमों के बारे में पढ़ सकते हैं — विशेषरूप से वर्तमान में चल रहे कार्यक्रमों के बारे में जिनका वीएलडी सदस्य हिस्सा रहे हैं और साधना को गहन करने और गुरु-सेवा में स्वयं को समर्पित करने के अपने प्रयास के संदर्भ में लाभान्वित हुए हैं।

वीएलडी कक्षाओं का अनोखा सहयोग और दृष्टिकोण

उद्घाटन के तुरंत बाद वाईएसएस/एसआरएफ़ क्रियाबानों के लिए आयोजित एक ऑनलाइन सत्संग में, स्वामी चिदानन्दजी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स, सबसे पहले और सबसे महत्त्वपूर्ण, शिष्यत्व के सम्बन्ध में है, और फिर — उस मनोवृत्ति से, गुरु के साथ आंतरिक समायोजन और समर्पण और उस चेतना के साथ सेवा करने के सम्बन्ध में है।… संक्षेप में यह वॉलंटरी लीग है : वाईएसएस और एसआरएफ़ के क्रियाबान शिष्य, जो उक्त जीवन जीने और सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

वीएलडी सदस्यों को वाईएसएस और एसआरएफ़ संन्यासियों द्वारा संचालित मासिक वीएलडी कक्षाएँ और कार्यशालाएँ प्रेरणादायक, पैना और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इन आयोजनों का उद्देश्य सदस्यों को उनकी प्रतिज्ञा को पूरा करने और परमहंसजी की शिक्षाओं को उनकी चेतना में अधिक गहराई से आत्मसात करने में सहायता करना है।

पिछले दो वर्षों में, निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों को वाईएसएस संन्यासियों द्वारा दी गई वीएलडी ऑनलाइन कक्षाओं के हिस्से के रूप में सम्मिलित किया गया है:

  • आध्यात्मिक दिनचर्या के माध्यम से ईश्वर की ओर अपनी प्रगति को तीव्र करना
  • हं-सः प्रविधि के अभ्यास में गहन समझ
  • क्रियाबानों के लिए संतुलित जीवन का महत्त्व
  • श्री दया माता के आदर्श वाक्य पर विचार : प्रेम, सेवा, साहस, विश्वास

वीएलडी सदस्य जिनकी वाईएसएस संन्यासियों द्वारा दी गई ये कक्षाएँ छूट गई हैं, या जो उनका पुनरवलोकन करना चाहते हैं, वे इन वीडियो को वाईएसएस वीएलडी वेबसाइट के सामग्री अनुभाग में देख सकते हैं। वीएलडी सदस्य अपने डिवोटी पोर्टल लॉगिन और पासवर्ड के उपयोग द्वारा लॉग इन करके इस तक पहुँच सकते हैं।

इसके साथ ही, वाईएसएस वीएलडी सदस्यों ने एसआरएफ़ संन्यासियों द्वारा संचालित निम्नलिखित ऑनलाइन वीएलडी कक्षाओं और कार्यशालाओं में उत्सुकता से भाग लिया और उनसे लाभ उठाया :

  • शिष्यत्व : दिव्य उद्देश्य पूर्ण जीवन
  • आध्यात्मिक प्रतिज्ञा का उद्देश्य
  • आत्मनिरीक्षण : आत्म-निपुणता की कुंजी
  • एक शिष्य के रूप में अपने जीवन को गहन बनाना
  • ईश्वर के लिए ज्वलन्त इच्छा रखें
  • गुरु और शिष्य के बीच का सम्बन्ध
  • अपने आध्यात्मिक प्रयासों को ताज़ा और नित्य नवीन बनाए रखना

एसआरएफ़ संन्यासियों की कक्षाएँ एसआरएफ़ वीएलडी सामग्री साइट पर पोस्ट की जाती हैं। वे वाईएसएस वीएलडी वेबसाइट के सामग्री अनुभाग के माध्यम से वाईएसएस वीएलडी सदस्यों के लिए उपलब्ध हैं।

वीएलडी सत्रों की अनूठी विशेषता वाईएसएस और एसआरएफ़ के संन्यासियों द्वारा संयुक्त रूप से दिए गए सत्संग हैं, जिन्हें विश्व के विभिन्न हिस्सों से लाइव-स्ट्रीम किया जाता है। उन्होंने क्रियाबान भाइयों और बहनों के हमारे वैश्विक परिवार के बीच एकजुटता और घनिष्ठता की भावना को बढ़ावा देने में योगदान दिया है।

इन सत्संगों के विषय थे :

  • श्री श्री परमहंस योगानन्द : पूर्व और पश्चिम के लिए ईश्वर-प्रदत्त गुरु
  • वीएलडी सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर
  • अपने दिव्य उद्देश्य को पूरा करना

जब संन्यासीगण अपना गहन ज्ञान प्रदान कर रहे थे, तो सत्संग का अनुभव ऐसा था जैसे घर पर बुद्धिमान बुजुर्गों के साथ हो, जिन्होंने उदारतापूर्वक मेरे साथ आध्यात्मिक प्रेरणा साझा की।

—आर. एम., पुणे

सत्र में कई व्यावहारिक रत्न थे जो मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से मूल्यवान थे। ये उन संन्यासियों के दृष्टिकोण थे जिन्होंने अपनी साधना में इसी तरह की चुनौतियों का सामना किया। इस पथ के अनुभवी और नए दोनों शिष्यों के लिए उपयोगी युक्तियाँ थीं।

—यू. वी., दिल्ली

वीएलडी सदस्य फैलोशिप कार्यक्रम

वाईएसएस वीएलडी सदस्यों ने मार्च, जुलाई और सितम्बर 2022 में वीएलडी सदस्य वालंटियरों द्वारा आयोजित तीन ऑनलाइन फेलोशिप सत्रों में भाग लिया।

मार्च 2022 में, वाईएसएस वीएलडी सदस्य फेलोशिप में एक संन्यासी द्वारा सत्संग के साथ-साथ वाईएसएस और एसआरएफ़ के चार लम्बे समय के वीएलडी सदस्यों का एक पैनल शामिल था, जो साधना और सेवा में अपने अनुभव व्यक्त कर रहे थे। इसमें एक ब्रेकआउट सत्र की सुविधा भी थी जहाँ पूरे भारत से वाईएसएस वीएलडी सदस्य संन्यासी के संदेश और पैनलिस्टों द्वारा साझा किए गए दृष्टिकोण पर विचार करने के लिए ज़ूम ब्रेकआउट कक्ष में एकत्र हुए।

मुझे विशेष रूप से पैनल के सदस्यों द्वारा साझा की गई व्यक्तिगत कहानियाँ सुनने में आनन्द आया। भक्तों से सुनना एक दुर्लभ अनुभव है; वे गुरुजी के सुंदर परिवार के अद्भुत आदर्श थे। मेरे लिए मुख्य बातें : स्वामीजी का प्रवचन, पैनल चर्चा, ब्रेकआउट कक्ष! संक्षेप में, कार्यक्रम के बारे में सब कुछ!

—फ़ेलोशिप प्रतिभागियों में से एक से।

जुलाई और सितम्बर 2022 की फ़ेलोशिप “वीएलडी प्रतिज्ञा को जीना” विषय पर केन्द्रित थी। इसमें वीएलडी सत्रों के वीडियो अंश और गृहकार्य के रूप में विवरण पुस्तिका का प्रारंभिक वाचन शामिल था ताकि प्रतिभागियों को सभी वीएलडी सदस्यों द्वारा ली गई प्रतिज्ञा के बारे में सोचने और चिंतन करने के लिए प्रेरित किया जा सके। प्रतिज्ञा पर मौन चिंतन के बाद एक ब्रेकआउट कक्ष का आयोजन किया गया जहाँ सभी ने प्रतिज्ञा के बारे में अपनी समझ और वे इसे कैसे क्रियान्वित कर रहे हैं इस पर चर्चा की।

कई प्रतिभागियों ने कार्यक्रमों के सम्बन्ध में बेहद प्रेरणादायक और मार्मिक टिप्पणियाँ और अपने दृष्टिकोण साझा किए। एक भक्त ने वीएलडी में सम्मिलित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “ये उसके जीवन के सबसे अच्छे वर्ष हैं।” एक अन्य ने कहा : “गुरुदेव के मार्ग पर अपना जीवन समर्पित करने वाले साथी भक्तों की अंतर्दृष्टि उत्साहजनक और प्रेरक रही है। वे मुझे अपनी ऊर्जा को पुनः केन्द्रित करने में मदद करते हैं और मुझे एक नया दृष्टिकोण देते हैं कि गुरुजी ने “आध्यात्मिक संगति” पर जोर क्यों दिया।

नोएडा में वीएलडी रिट्रीट

नोएडा में वीएलडी रिट्रीट के दौरान एक सत्र का संचालन करते स्वामी स्मरणानन्द

14 से 16 अप्रैल, 2023 तक केवल वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स (वीएलडी) के सदस्यों के लिए एक विशेष व्यक्तिगत सप्ताहांत रिट्रीट का आयोजन वाईएसएस नोएडा आश्रम में किया गया और वाईएसएस दक्षिणेश्वर आश्रम, इगतपुरी, पुणे, चेन्नई और कोयंबटूर रिट्रीट केन्द्रों में इसका सीधा प्रसारण किया गया।

रिट्रीट में “हमारी साधना में सेवा की भूमिका” और “हमारे ध्यान को गहरा और मधुर बनाना” विषयों पर संन्यासियों द्वारा संचालित ध्यान और सत्संग सम्मिलित थे।

वाईएसएस नोएडा आश्रम में वीएलडी रिट्रीट में भाग लेना एक परिवर्तनकारी अनुभव था, जिसने मुझे आंतरिक सुरक्षा और शांति की भावना प्रदान की। मैंने अपने सभी सांसारिक कर्तव्यों के प्रति एक नया उत्साह पाया, चाहे उनकी प्रकृति कुछ भी हो — चाहे रुचिकर हो या नहीं, कठिन हो या आसान। इस अनुभव ने मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया है, मुझे सेवा की मानसिकता के साथ अपने काम को करने का मार्गदर्शन प्रदान किया है। साथ ही, मेरा ध्यान अधिक नियमित, गहरा और मधुर हो गया है।

— एम.एम., भुवनेश्वर

नोएडा में रिट्रीट की एक अन्य विशेषता स्वामी स्मरणानन्द और स्वामी आद्यानन्द द्वारा संचालित एक पैनल चर्चा थी। संन्यासियों ने वीएलडी और साधना के बारे में विभिन्न प्रश्नों को संबोधित किया, जबकि दस वीएलडी सदस्यों — पाँच पुरुषों और पाँच महिलाओं ने, विभिन्न पृष्ठभूमि से और जीवन के विभिन्न चरणों का प्रतिनिधित्व करते हुए — अपने स्वयं के दृष्टिकोण और अनुभवों से अंतर्दृष्टि साझा करके अपनी प्रस्तुतियों को संपूरित किया।

संगम में वीएलडी सूचना बूथ और सूचना डेस्क

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वीएलडी सूचना डेस्क वाईएसएस संगम, फरवरी 2023, हैदराबाद

वीएलडी सदस्यों ने उन वाईएसएस भक्तों और क्रियाबानों के साथ वीएलडी के बारे में जानकारी साझा करने के अवसर का लाभ उठाया जो अधिक जानने में रुचि रखते थे।

हैदराबाद में वाईएसएस संगम 2023 के दौरान, विभिन्न केन्द्रों और शहरों के वीएलडी सदस्य वीएलडी में सदस्यता के प्रमुख बिंदुओं पर सामूहिक रूप से विचार करने के लिए एक साथ एकत्रित हुए। उन्होंने रुचि रखने वाले क्रियाबान भक्तों को यह जानकारी प्रदान करने के लिए एक बूथ भी स्थापित किया। लगभग 500 गुरु-भाई और गुरु-बहनें बूथ में पधारे।

अक्टूबर 2023 में संगम के दौरान नोएडा आश्रम में वीएलडी सूचना डेस्क
नवम्बर में राँची में संगम के दौरान वीएलडी सूचना डेस्क

जैसे ही वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रही है, हम कई वाईएसएस भक्तों के जीवन में आए आशीर्वाद के लिए श्रद्धापूर्ण कृतज्ञता से भर गए हैं। और हम यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि गृहस्थ शिष्यों के इस क्रम के लिए परमहंसजी का दृष्टिकोण कैसे विकसित और प्रकट होता रहेगा — वर्तमान वीएलडी सदस्यों के जीवन में और उन लोगों में जो भविष्य में शिष्यत्व और दिव्य सेवा के लिए इस अवसर की ओर आकर्षित होंगे।

अधिक जानने के लिए

वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया वाईएसएस वीएलडी वेबसाइट पर जाएँ। वहाँ आपको मिलने वाली उपयोगी जानकारी में से एक वाईएसएस/एसआरएफ़ के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख, श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि द्वारा दिए गए प्रवचन की एक छोटी वीडियो क्लिप है, जिसमें वह वीएलडी के उद्देश्य के बारे में बताते हैं।

यदि आपके पास वाईएसएस भक्त पोर्टल खाता है, तो आप वॉलंटरी लीग ऑफ़ डिसाइपल्स विवरण पुस्तिका तक भी पहुँच सकते हैं, जो वीएलडी के इतिहास और उद्देश्य के साथ-साथ वीएलडी प्रतिज्ञा का विस्तृत विवरण प्रदान करता है। वाईएसएस/एसआरएफ़ क्रियाबान एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप का उपयोग करके भी विवरण पुस्तिका तक पहुँच सकते हैं।

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