एक मनुष्य और योगी के रूप में, वे उन सब गुरुओं से कहीं महान थे जिनका जीवन मेरे अन्वेषण की परिसीमा में आया।
— स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी लाहिड़ी महाशय के बारे में (योगी कथामृत)
श्री श्री लाहिड़ी महाशय का महासमाधि दिवस, जिन्हें आदर से योगावतार कहते हैं, रविवार, 26 सितम्बर को सुबह व शाम दो ऑनलाइन ध्यान-सत्रों में मनाया गया। महासमाधि एक महान योगी का, परमात्मा से ऐक्य की अवस्था में, देह से अंतिम सचेतन प्रस्थान है।
इन ध्यान-सत्रों का संचालन वाईएसएस संन्यासियों द्वारा अंग्रेज़ी व हिंदी में किया गया। प्रत्येक सत्र में चैंटिंग, ध्यान तथा महान गुरु के विषय में कहानियां शामिल थीं।
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