जब मैं श्रीयुक्तेश्वरजी के पास प्रशिक्षण हेतु गया था, तब का उनका परामर्श मुझे भली भाँति याद है। उन्होंने कहा था : “अच्छे सहचरों के साथ ध्यान करो। तुम्हारे मन के दुग्ध से आत्म-साक्षात्कार के नवनीत का मंथन करने में वे तुम्हारी सहायता करेंगे। दुग्ध सांसारिक माया के जल में घुलमिल जाता है तथा उसके ऊपर तैर नहीं सकता। नवनीत उस कपटी जल के ऊपर सरलता से तैरता है।”
— परमहंस योगानन्द
स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि के आविर्भाव दिवस (बुधवार, 10 मई) के उपलक्ष्य में वाईएसएस संन्यासियों द्वारा अंग्रेज़ी में छः घंटे के ऑनलाइन ध्यान का संचालन किया गया। इसका प्रारम्भ शक्ति-संचार व्यायाम के साथ हुआ जिसके पश्चात प्रेरणाप्रद पठन, चैंटिंग और ध्यान की अवधियां शामिल थीं। इसकी समाप्ति परमहंस योगानन्दजी की आरोग्यकारी प्रविधि के अभ्यास और प्रार्थना के साथ हुई।
कार्यक्रम की समय-सारणी इस प्रकार थी:
- पहला सत्र : सुबह 9:40 से दोपहर 1:00 बजे तक
- विश्रांति : दोपहर 1:00 से 1:30 बजे तक
- दूसरा सत्र : दोपहर 1:30 से शाम 4:00 बजे तक
स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि के आविर्भाव दिवस (बुधवार, 10 मई) के उपलक्ष्य में इस विशेष लम्बे ध्यान का आयोजन भक्तों को अपनी चेतना को अपने परमगुरु के साथ समस्वर करने में अत्यंत सहायक सिद्ध हुआ।
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इस पावन अवसर पर स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने की परंपरा रही है — क्रियायोग शिक्षाओं की उनकी आध्यात्मिक विरासत के लिए आभार व्यक्त करना। आपके बहुमूल्य अनुदान का उपयोग हमारे पूज्य गुरुदेव की आत्म-मुक्ति दायक शिक्षाओं को बढ़ावा देने और प्रसारित करने के लिए किया जाएगा।
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