बहुत ही उल्लास के साथ हम यह सूचित करते हैं कि भारत सरकार ने पुन: हमारे गुरुदेव और भारतवर्ष के अमर सुपूतों में से एक — श्री श्री परमहंस योगानन्द की आध्यात्मिक महिमा को मान्यता देते हुए, उनकी 125वीं वर्षगाँठ पर उन्हें श्रद्धाँजलि देने का निर्णय लिया है।
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस प्रकार के स्मरणोत्सव, एक राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति की सहभागिता से आयोजित किए जाते हैं। इस समिति का गठन भारत के गृह मंत्री माननीय श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में, परमहंस योगानन्दजी की 125वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु किया गया है। इस समिति में वित्त मंत्री, श्री अरुण जेटलीजी; संस्कृति मंत्री, डॉ महेश शर्माजी और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी व वाईएसएस के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
परमहंस योगानन्दजी की 125वीं वर्षगाँठ पर उन्हें स्मरण करते हुए, भारत सरकार द्वारा वाईएसएस के सहयोग से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:
- देश-भर में परमहंसजी की योगी कथामृत और अन्य पुस्तकों का अंग्रेज़ी व अनेक मुख्य भारतीय भाषाओं में नि:शुल्क वितरण, सैंकड़ों पुस्तकालयों व विश्व विद्यालयों में भी;
- योग व ध्यान विधि जानने के इच्छुक लोगों के लिए सेमिनार और लेक्चर आयोजित करना।
- योगी कथामृत पुस्तक का मुख्य भारतीय भाषाओं में ऑडियो प्रारूप बनाना;
- परमहंस योगानन्दजी के जीवन और उद्देश्य को चित्रित करती एक चित्रात्मक वृत्तांत पुस्तक का प्रकाशन;
- परमहंसजी की शिक्षाओं को सरकारी व निजी कर्मियों तक पहुँचाना।
- परमहंसजी की पुस्तकों, ई-बुक्स, ऑडियो-वीडियो सामग्री का प्रकाशन।
- राँची में वाईएसएस शिक्षण संस्थानों के ढाँचे का आधुनिकरण।
हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और यह आशा करते हैं कि यह समारोह और कार्यक्रम परमहंसजी द्वारा प्रतिपादित भारत के पुरातन आध्यात्मिक ज्ञान-भंडार को प्रसारित करने का पुण्य माध्यम बनें। साथ ही हम सभी सत्यानिवेषियों एवं भक्तों के प्रति अत्यंत आभार प्रकट करते हैं, जिनके योगदान से यह कार्यक्रम संभव हो पा रहा है और जिनके उत्साहपूर्वक भाग लेने से यह सफल होगा।
हमारे प्रिय गुरुदेव की 125वीं वर्षगाँठ समारोह की सामयिक जानकारी व समाचार हम आपसे साझा करते रहेंगे। कृपया सभी कार्यक्रमों की सूची यहाँ देखें।